अपने कार्यालय में प्रमोशन और सफलता के लिये जरूरी बातें

डा. जे. के. गर्ग
निर्विवाद रूप से हम सभी रावण को महाशक्तिशाली और महान पंडित मानते हैं | जब रावण म्रत्यु शय्या पर था तब भगवान राम ने लक्ष्मणजी को आदेश दिया कि कुछ ही क्षणों बाद संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है इसलिये तुम रावण के पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता | श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े

डा. जे.के.गर्ग
रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए |
महापंडित रावण ने कुछ नहीं कहा तो रामजी ने कहा कि यदि किसी से ज्ञान लेना हो तो उसके चरणों में खड़ा होना चाहिए, तुम जाओ और सिर के पास खड़े होने के बजाय उनके चरणों के पास खड़े हो और कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो कोई नहीं दे सकता | महापंडित रावण ने लक्ष्मण को सफल रहने के लिए तीन बातें बताई थी जो आज भी तर्कसंगत और उपयोगी है |

1. पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो उसे तुरंत कर डालना चाहिये वहीं अवाछित और अशुभ को जितना टाल सकते हो उसे टाल देना चाहिए यानि सफलता का मूल मन्त्र है “शुभस्य शीघ्रम्” | रावण बोला कि मेरी यह महान गलती थी कि में श्रीराम और उनकी महानता को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देरी कर दी,इसी कारण में म्रत्यु शय्या पर लेटा हूँ | रावण की यह बात भी आज ऑफिस वर्कर के लिए बिलकुल सटीक बैठती है | ऑफिस आकर सबसे पहले वो काम करें जिसमें खुद के साथ-साथ दूसरों और आपके साथियों एवं जनता का भी भला हो | नींद और आलस्य को टाल देना चाहिए | क्योंकि सच्चाई तो यही है आलस्य और टालम तोल से न खुद का भला होता है और न ही दूसरों का |

2. दूसरी बात यह कि अपने प्रतिद्वंद्वी, अपने शत्रु को कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए, मैं यह भूल कर गया. मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया. मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा था तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध न कर सके ऐसा कहा था क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था. मेरी मेरी गलती हुई. इस बात को ऑफिस वर्कर को समझना चाहिए कि ऑफिस में किसी को भी छोटा न समझें | अगर आपको किसी को हराना है तो उसे अपने अच्छे काम से पराजित करें |

3. रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और अंतिम बात ये बताई कि अपने जीवन का कोई राज हो तो उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए. यहां भी मैं चूक गया क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था | ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी | ठीक वैसे ही ऑफिस में कभी अपने राज और सीक्रेट किसी को न बतायें | अगर आपका कोई राज या सीक्रेट और कमजोरी जान गया तो बड़े से बड़े अनुचित काम आपसे करा सकता है |

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