मैंने आज एक सपना देखा

अंबिका हेडा
*मैंने आज एक सपना देखा *
मैंने आज एक सपना देखा
सपने में ख़ूबसूरत हर गाँव,शहर
मेरा हिन्दुस्तान देखा …….
मैंने आज एक सपना देखा ।

गाँव की गोरी को घूँघट हटा
आसमान को निहारते देखा …..
चारदीवारी में चूल्हे के धुए से बच
चोखट के बाहर अपना अस्तित्व ढूँढते देखा ……….
मैंने आज सपने में गाँव की गौरी में …..
आत्मविश्वास का सूरज उगते देखा ।

मैंने आज एक सपना देखा ……
शहर की हर बेटी को
बिना खोफ घूमते देखा …….
” घर जल्दी आ जाना ”
माँ के इन शब्दों में डर थोड़ा कम देखा ….
मैंने आज सपने में शहर की हर बेटी को
सुरक्षित देखा ।

मैंने आज एक सपना देखा …….
मैंने आज सपने में हिंदुस्तान की
हर माँ, बेटी , बहन को हँसते देखा
भारत माँ के आँचल में ……
आज़ाद ,निडर ,बेख़ौफ़
हर नारी को देखा …….
मैंने आज एक सपना देखा …….
मेरा हिन्दुस्तान जिस दिन
मेरे सपनो सा ख़ूबसूरत हो जाएगा
सही मायने में मेरा देश
” महिला दिवस ”
उत्साह से उस दिन मनाएगा ।

अंबिका हेडा

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