लोकतंत्र की मजबूती में ,
मत अपना निर्णायक होता ।
कौन सही है , कौन ग़लत है ,
यह निर्णय ख़ुद को करना है ।
ग़लत फ़ैसला हुआ यदि तो ,
पाँच बरस ख़ुद को सहना है ।
ऊपर चढ़ना या फिर गिरना ,
इसमें वोट सहायक होता ।
लोकतंत्र की मजबूती में ,
मत अपना निर्णायक होता ।
बहुत बड़ा है देश हमारा ,
भरी विविधता इसमें भारी ।
कुछ निर्णय लेने से पहले ,
इस पर भी हो नज़र हमारी ।
रखे सुरक्षित इस थाती को ,
वही श्रेष्ठ उन्नायक होता ।
लोकतंत्र की मजबूती में ,
मत अपना निर्णायक होता ।
प्रथम ज़रूरत आज यही है ,
एक रहे हम मिलकर सारे ।
भाईचारा रहे सुरक्षित ,
कोई जीते , कोई हारे ।
सही दिशा में देश बढ़ाए ,
वो ही सच्चा नायक होता ।
लोकतंत्र की मज़बूती में ,
मत अपना निर्णायक होता ।
– नटवर पारीक, डीडवाना
9414548148