सरकारी नहीं .असरकारी चाहिए

हेमंत उपाध्याय
एक अत्यन्त गरीब की माताजी बहुत बीमार थी।जिला अस्पताल से संभाग मुख्यालय इन्दौर के सात मंजिला अस्पताल ले जाने हेेतु कहा गया। सरकारी एम्बुलेंस माॅगी गई , जितने रुपए सी एस साहब ने बाले उसमें गीड़गीड़ाने के बाद भी एक पैसा नहीं कम किया।इधर – उधर से पैसे एकत्र कर देने के दो घंटे बाद बड़ी मुस्किल से धक्का प्लेट एम्बुलेंस मिली। रुकते धक्का खाते देर सवेर इन्दौर के सरकारी अस्पताल पहॅुचने के बाद डाक्टरों ने कहा- दो घंटे लेट हो गए फिर भी हम प्रयास करते हैं। खूब इलाज के बाद भी माताजी नहीं बच सकी।
असरकारी सेवाएँ धर्म पत्नि पत्नी की सांस रुक रही थी। अत्यन्त रुग्ण हो गई थी सांस लेना जीना दुभर हो गया था।शहर में तुरन्त घर पर प्राणवायु की उपलब्धता नहीं हो सकी। सिवाय इन्दौर एम्बुलेंस में लेकर जाने के कोई रास्ता नहीं था। मंगला दीदी को तबियत के समाचार मिले और उन्होने हरदिल अजीज अलोक भाई ( अलोक सेठी (टायर) को बताया और मुझसे बात की 10 मिनिट के अंदर आपके घर पर एम्बुलेंस खड़ी होगी व स्टेचर बिस्तर के पास आ जावेगी व वहीं से भाभीजी को सीधे इन्दौर ले जावेंगे । पैसे आदि किसी बात की आप चिंता न करें और हुआ भी यही सर्व सुविधायुक्त icc. युक्त एम्बुलेंस गली में आ गई व बिस्तर से सीधे मरीज को स्ट्रेचर व स्ट्रेचर से सीधे एम्बुलेंस में पहॅुचा दिया व तीन घंटे से कम समय में व्यस्ततम रोड़ की भीड़ को चिरती एम्बुलेंस सीधे बाॅम्बे हास्पिटल पहॅुची । जो पैसा बाकी था वो दो माह बाद खण्डवा वापिस आने पर कई माह के बाद उसका भुगतान इस आश्वासन के बाद स्वीकार किय कि अब मेरी आर्थिक हालत ठीक है व तबीयत भी ठीक है । धन कुबेर होने के बाद लोग इंसानियत व्यवहारिक संबंध सब भूल जाते हैं आलोक भाई ने अपने पिता की स्मृति में खण्डवा शहर को आईसीयू की एम्बुलेंस की सौगात व उत्तम सेवाएॅ देने के साथ ही जो स्नेह दिया संबल दिया उससे बड़ी बात क्या हो सकती है ।
हेमंत उपाध्याय 09425086246/ 942494983,/ 7999749125 व्यंग्यकार,लघुकथाकार , कवि व ललितनिबंधकार,साहित्य कुटीर , गणगौर साधना केन्द्र पं0रामनारायण उपाध्याय वार्ड खंडवा।[email protected]

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