*विचार – प्रवाह*

नटवर विद्यार्थी
प्रसिध्द लेखक एवं विचारक बेंजामिन फ्रेंकलिन का कथन है कि ” ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है ।” निस्संदेह जीवन के किसी भी क्षेत्र में स्थापित होने के लिए इस नीति को अपनाना ही होगा अन्यथा आपका सफ़र ज्यादा नहीं चलेगा । बेईमानी हमारा दूर तक साथ नहीं दे सकती । यदि हमें मंज़िल तक पहुँचना है तो ईमानदारी को अपनी जीवन शैली बनाना ही होगा ।
भरोसा हर रिश्ते और कार्य का आधार होता है जो ईमानदारी से ही प्राप्त किया जा सकता है । ईमानदारी की बुनियाद पर टिका हुआ रिश्ता और कार्य मज़बूत व स्थायी होता है । ईमानदारी हर कार्य को अच्छाई के रास्ते पर ले जाती है , व्यक्ति को वास्तविक आनंद और ख़ुशी देती है । ईमानदारी सिर्फ़ व्यक्ति को ही नहीं अपितु पूरे परिवार, समाज एवं राष्ट्र को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करती है ।
ईमानदार व्यक्ति कभी थकता नहीं है , अवसाद में नहीं जाता क्योंकि ईमानदारी आत्मबल देती है । स्वतन्त्रता संग्राम के महायोद्धा महात्मा गाँधी के आत्मबल का स्रोत ईमानदारी ही तो थी । लालबहादुर शास्त्री , ए. पी.जे. अब्दुल कलाम अपनी ईमानदारी के बल पर आज भी हमारे दिलों में जिंदा है ।
राह कठिन जरूर है पर मुश्किल नहीं । अनुशासित रहना , सत्य बोलना , समय का पाबंद होना , अच्छा व्यवहार करना , दूसरों की मदद करना आदि सभी ईमानदारी के ही लक्षण है , इन सभी लक्षणों को अपने जीवन में स्थान दें । ईमानदार व्यक्ति के पास छिपाने को कुछ भी नहीं होता , ख़ुद को खुली क़िताब एवं विश्वास का पर्याय बनाएं ।

– नटवर पारीक

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