जीवनशैली में बदलाव से बढ़ रहे कैंसर के मरीज

पिछले कुछ वर्षों से भारत में कैंसर मरीजों की संख्या में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसका प्रमुख कारण खराब जीवन शैली जैसे कि एल्कोहॉल, शराब, सिगरेट, पान मसाला या तंबाकू आदि का प्रयोग करना है.एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है कि भारत में जो कैंसर सबसे ज्यादा पाए जाते हैं उनमें मुंह, फेफड़े ,होठ, पेट, आंत, बड़ी आंत का कैंसर , ईसोफेगस , प्रोस्टेट, पित्ताशय का कैंसर, और महिलाओं में स्तन, डिम्ब ग्रंथी, गर्भाशय और गले का कैंसर प्रमुख है.
इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए बहुत सी सरकारी और गैर – सरकारी संस्थाओं द्वारा विभिन्न कैंप, रैली, लेक्चर और सेमिनार, आदि चलाये जाते हैं.

वर्ल्ड कैंसर डे मनाने का प्राथमिक उद्देश्य
सन 2020 तक कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना हैं.

एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि साल 2020 तक भारत में 12 लाख लोगों की मौत कैंसर की बीमारी के कारण होगी. वहीं, 10 लाख नए कैंसर मरीज भी सामने आएंगे । भारत में पिछले साल 10 लाख नए कैंसर मरीज सामने आए, तो 6 लाख लोगों की मौत इस जानलेवा बीमारी से हुई ।यह 2008 के आंकड़ों के मुकाबले 7.5 फीसदी अधिक है.

भारत में कैंसर मरीजों की मौत का कारण उनका देर से पता चलना भी है, जबकि अमेरिका में कैंसर पीड़ित ज्यादातर मरीज 70 साल से ज्यादा की जिंदगी गुजारते हैं. वहीं, भारत में कैंसर से मरने वालों में 71 फीसदी लोगों की उम्र 30 से 69 साल के बीच है ।

कैंसर होने के कारण -:

तंबाकू सेवन करना,
ज्यादा वजन होना ( मोटापा )
सब्जियों और फलों का सेवन कम करना
शराब का अत्यधिक सेवन करना
शारीरिक क्षमता वाले काम न करना
अथवा कम करना
शहरों में प्रदुषण होने के कारण
आनुवंशिक संक्रमण,
सूर्य की अल्ट्रा वोइलेट किरणों
[UV rays] के कारण
वर्ष 2018 तक संपूर्ण विश्व से कैंसर को ख़त्म करने के लिए ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आह्वान पर वर्ल्ड कैंसर डे 2016 – 2018↵ के तहत
“वी कैन, आई कैन” नामक थीम के साथ सरकार ने जनजागृति अभियान चलाया है ।
कुछ प्रमुख आकंड़े

भारत में बच्चेदानी के मुख के कैंसर की वजह से हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु होती है। [1]
भारत में स्तन कैंसर से पीडि़त हर दो महिलाओं में से एक महिला की मृत्यु हो जाती है।
तंबाकू से संबंधित रोगों के कारण प्रतिदिन तकरीबन 2,500 व्यक्तियों की मौत हो जाती है।
पुरुषों में पाचं में से एक मृत्यु और महिलाओं में 20 में से एक मृत्यु धूम्रपान के कारण होती है।

भारत में कैंसर के आंकड़े
कैंसर से पीडि़त लोगों की अनुमानित संख्या: 25 लाख (लगभग)
प्रतिवर्ष कैंसर के नये मरीज: 7 लाख से अधिक
कैंसर संबंधित मृत्यु संख्या: 5,56,400
30 – 69 आयु के बीच होने वाली मौतें
कुल: 3,95,400
(सभी कैंसर से संबंधित मौतों का 71%)
पुरूष: 2,00,100
महिलायें: 1,95,300
भारत में मुख एवं फेंफड़ों के कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु सभी कैंसर संबंधित मौंतो का लगभग 50% है। पुरुषों और महिलाओं में होने वाले पांच प्रमुख कैंसर सभी कैंसरों का 47.2% है।

बचाव ही उपचार है
जन जागरूकता और सहभागिता
मरीजों को प्रेरित करना
स्वस्थ जीवनचर्या बनाना
मदद के लिए प्रयास करना
स्वस्थ वातावरण और पर्यावरण
का निर्माण करना ।
कैंसर की तुरंत जांच और रोकथाम करना
लोगों में ये समझ पैदा करना कि कैंसर का पता शुरूआती चरणों में चल जाने से इसका इलाज संभव हैं ।

कैंसर में मेटाबोलिक उपचार कीमो थेरेपी और रेडियो थेरेपी से बेहतर है

मेटाबोलिक उपचार (Metabolic Cancer Treatment) पूर्णतः हानि रहित है, इसके कोई भी दुष्परिणाम नहीं हैं जबकि कीमोथेरेपी एक बहुत ही हानिकारक उपचार से इसके दुष्परिणाम से दूसरे तरह के कैंसर भी हो सकते हैं ।
कैंसर को मारने के अलावा सामान्य कोशिकाओं पर होने वाले प्रभाव: मेटाबोलिक उपचार से कैंसर कोशिकाओं की मृत्यु होती है ।
इससे सामान्य कोशिकाएं प्रभावित नहीं
होती हैं । जबकि कीमोथेरेपी से सामान्य कोशिकाएं भी मरती हैं जिसकी वजह से कभी-कभी मरीज की ही मृत्यु हो जाती है ।
सफलता दर: कीमोथेरेपी लेने से कैंसर के मरीज के 5 वर्ष जिन्दा रहने की संभावना सिर्फ 2% है , मसलन 100 में से सिर्फ 2 व्यक्ति ही 5 वर्ष से ज्यादा जी पाता है. जबकि मेटाबोलिक उपचार की सफलता दर 60% से ज्यादा है ।

रोज करें इन चीजों का सेवन
विशेषज्ञ कहते हैं कि आप अपनी डाइट में कुछ सुधार और बदलाव करके कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं ।

1. ब्रोकली- ब्रोकली खाने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है. इसे माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लीवर कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है. सप्ताह में दो से तीन बार ब्रोकली खाना फायदेमंद होता है. यूं तो ब्रोकली को सब्जी के रूप में या फिर सूप के रूप में लिया जा सकता है लेकिन ब्रोकली को उबालकर हल्के नमक के साथ लेना सबसे अधि‍क फायदेमंद है।

2. ग्रीन टी- ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा कम होता है. ये ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है. नियमित रूप से 2-3 कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद है।

3. टमाटर- टमाटर में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करते हैं. टमाटर, विटामिन A, C और E का भी बेहतरीन स्त्रोत है. इसके साथ ही ये ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाव का अच्छा उपाय है. टमाटर का जूस पीने या फिर इसे सलाद के रूप में लेना फायदेमंद होता है.

4. ब्लू बैरी- ब्लू बैरी कैंसर से बचाव का अचूक उपाय है । ब्लू बैरी स्किन, ब्रेस्ट और लीवर कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है । ब्लू बेरी का रस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है । 5. अदरक –
अदरक भी कई तरह के कैंसर से बचाव में सहायक है. अदरक शरीर में मौजूद टॉक्स‍िन्स को दूर करने का काम करता है. इसके सेवन से स्किन, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.
6. लहसुन- लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से सुरक्षित रखते हैं. रोजाना एक या दो कली कच्चा लहसुन खाने से कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है ।
कैंसर से बचाव इनके पूर्व निदान व पूर्व अवस्था पर संभव है। जिससे इन कैंसरों से होने वाली मृत्युदर को भी कम किया जा सकता है।

डॉ लाल थदानी
मेडिको सोशल रिफॉमर
हैल्थ एक्टिविस्ट
8005529714
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