*कोरोना की जंग, उजियारे के संग*

-5 अप्रैल को विश्वव्यापी कोरोना महामारी को प्रकाश से दी जाएगी मात
-एक बार फिर पूरा देश दिखाएगा एकता, जोश और जज्बे की मिसाल

प्रेम आनंदकर
कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में 5 अप्रैल को रात ठीक 9 बजे नागरिकों से अपने घरों की लाइट बंद कर 9 दीपक या मोमबत्ती जलाने या टॉर्च या मोबाइल की टॉर्च जलाकर रोशनी करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील कई मायने रखती है। वैसे तो मोदी जब भी राष्ट्र को संबोधित करते हैं, तो कोई-न-कोई नया प्रयोग जरूर करते हैं। इसलिए जब भी यह खबर आती है कि फलां दिन व समय मोदी राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे, तो देशवासियों में उन्हें सुनने और नया ऐलान जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। शुक्रवार को भी यही हुआ और उन्होंने 5 अप्रैल को रात 9 बजे रोशनी करने की अपील करके फिर से नागरिकों में जोश भर दिया। 22 मार्च को शाम 5 बजे जनता कर्फ्यू खत्म होने पर मोदी की अपील पर पूरे देश ने एकसाथ तालियां, थालियां, शंख आदि बजाकर यह साबित कर दिया कि पूरा देश इस महामारी को मात देने के तैयार है। अब 5 अप्रैल को रात 9 बजे भी यही होगा और पूरा देश महामारी को ललकारने के लिए रोशनी करेगा। जब ऐसा होगा तो निश्चित रूप से वो समय देश में दीपावली से कम नहीं होगा। महामारी की घोर काली छाया को देशवासी जोश और जज्बे के साथ मात देंगे। यही वो क्षण होगा, जब पूरे विश्व को यह भी संदेश जाएगा कि भारत कितनी भी बड़ी विपदा से लड़ते हुए पार पा सकता है। वैसे यदि सोशल मीडिया पर आई पोस्ट और जानकारों की बात को सही मानें, तो पूरे देश में महज 9 मिनट लाइट बंद करने से करीब 50 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी और वातावरण में तेल या घी के दीपक जलाने से पर्यावरण भी कुछ संरक्षित होगा। पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें, तो एक दिन के जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉक डाउन के कारण महानगरों सहित सभी छोटे-बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल के वाहनों से निकलने वाले धुएं और उससे होने वाला पर्यावरण प्रदूषण काफी हद तक कंट्रोल हुआ है। हालांकि कोरोना ऐसी महामारी है, जिससे निपटने और देशवासियों को महफूज रखने के लिए लॉक डाउन जैसी कड़वी दवा पीनी पड़ रही है और दिनचर्या बिगड़ गई है। लेकिन इसके बाद भी नागरिकों में जज्बा बना हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें कई कड़े कदम उठा रही हैं, लेकिन कतिपय लोगों की करतूतों के कारण सरकारी प्रयासों को थोड़ा धक्का लगने का अंदेशा पैदा हो गया है। फिर भी देश और नागरिक हिम्मत नहीं हारेंगे और पूरे जोश व जज्बे के साथ संयम रखते हुए इस महामारी को फैलने नहीं देंगे।

-प्रेम आनन्दकर, अजमेर, राजस्थान। शुक्रवार-3/3/2020

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