न्यायपालिका से लें प्रेरणा जनप्रतिनिधि

*राजस्थान की न्यायपालिका ने दिया है 4.25 करोड़ का सहयोग,जनप्रतिनिधि लें इससे प्रेरणा*

दोस्तों देश में चल रही आपात कालीन परिस्थितियों पर हम नजर डालें और सर्वे करें तो लगभग हर वर्ग ने अपना सामाजिक सरोकार यहां निभाया है।सबने किसी ना किसी रूप में अपनी परिस्थितियों के मद्दे नजर सहयोग किया है।लेकिन अभी तक देश को चलाने वाले, इस देश की जनता की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री सहित किसी भी जनप्रतिनिधि ने अपनी निजी आय से कोई सहयोग नहीं किया है।जबकि सबसे ज्यादा धनवान वर्ग यही माना जाता है।लोकतंत्र के चार स्तंभों में से सबसे मजबूत स्तंभ की सामाजिक सरोकारिता ज़ीरो है।ज़ीरो इसलिए क्योंकि जो काम कर रहे हो ये तो करना ही पड़ेगा।आपकी ड्यूटी है,नही करो तो जनता अभी का अभी इलाज कर दे।इन हालातों में महत्त्वपूर्ण बात ये है कि आपका एक्स्ट्रा सहयोग क्या है।एक्स्ट्रा सहयोग से तात्पर्य निजी सहयोग होता है।जो आपने नहीं किया है।जबकि आपसे ज्यादा क्वालिफाइड वर्ग न्यायपालिका ने अकेले राजस्थान प्रदेश को 4.25 करोड़ रुपये का स्वेच्छिक़ सहयोग प्रदान किया है।ये वर्ग भी अपना काम कर रहा है।अपनी ड्यूटी कर रहा है।ऑनलाइन कौर्टस चल रही है।लोगों को इन विपरीत परिस्थितियों में भी न्याय मिल रहा है।पुलिस और प्रशासन का सहयोग करते हुए लॉक डाउन का पालन नहीं करने वाले समाज विरोधी लोगों को दंडित किया जा रहा है।कानून से हटकर व्यवहारिक पहलू का ध्यान रखा जा रहा है।इतना सब करने के बावजूद इस वर्ग ने स्वेच्छा से 4.25 करोड़ रुपये का सहयोग किया है।ये कोई छोटा मोटा सहयोग नहीं है।इस वर्ग से हमारा समाज सदैव ही प्रेरणा लेता आया है।आज भी जरूरत है इनसे प्रेरणा लेने की आपको।यहां मैं आप सभी मित्रों को बताना चाहूंगा कि प्रदेश के 1300 न्यायिक अधिकारियों ने अपने एक दिन का वेतन राष्ट्रहित में स्वेच्छा से सहयोग स्वरूप दान किया है जो लगभग 50-60 लाख रुपये की राशि होती है।राजस्थान न्यायिक सेवा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रतन लाल मूड जिला न्यायाधीश ने इस बात की पुष्टि की है तथा जजेज से प्रेरणा लेकर राजस्थान के न्यायिक कर्मचारियों ने अपना दो दिन का वेतन सहयोग के रूप में दिया है जो 12500 कर्मचारियों का कुल वेतन 3 करोड़ 75 लाख रुपये होता है।यही नहीं प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों ने भी सहयोग किया है उनके द्वारा किये गए सहयोग की राशि की जानकारी नहीं हो सकी है लेकिन सहयोग तो किया है और उनकी तो आय निजी ही होती है।ब्यूरोक्रेट्स का सहयोग तो चारों तरफ से मिल ही रहा है।वेतन भी डोनेट किया है।इन सबके बाद भी यदि आप लोग प्रेरणा नहीं लेंगे तो ये माना जाएगा कि ना सिर्फ आप लोग जनभावना की कद्र नहीं करते वरन इस देश के या तो सबसे गरीब लोग हैं या सबसे ज्यादा पॉवरफुल।देश के प्रधानमंत्री जी और प्रदेश के मुख्यमंत्री जी कृपया इन आंकड़ों पर गौर फर्मावें और देश हित में आप भी अपनी निजी आय से सहयोग करें।अपने अधीनस्थ जनप्रतिनिधियों को भी प्रेरित करें।ये जरूरी है।

डॉ. मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार 9413300237

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