आज तुम रुके रहो
तब बचेगा ये जहां
वक़्त कर रहा बयां ।
साथ- साथ हम सदा
आज भी तो साथ है
कुछ दिनों की बात है ।
दिख रही है रोशनी
देख सूर्य आ रहा
तमस को भगा रहा ।
हर तरफ शोक है
काल का प्रकोप है
इसीलिए रोक है ।
एक साथ गाएंगे
गीत फिर नया-नया
वक़्त कर रहा बयां।
– *नटवर पारीक*,डीडवाना