राजस्थान सरकार द्वारा कल से कुछ कार्यालय खोले जाने के आदेश जारी किए हैं।उसी को देखते हुए आज राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने भी कल से सभी न्यायालयों को खोलने के आदेश जारी किए हैं।और आदेश में यह अंकित किया है कि सभी कोर्ट्स में आवश्यक प्रकृति के मामले निपटाए जाएंगे और सुनवाई का समय दो बजे से चार बजे तक का होगा।जहां तक न्यायालयों का सवाल है।न्यायालयों में ये अर्जेंट काम वैसे भी हो ही रहे थे।अब ऐसे आदेश निकालने का औचित्य क्या है? अब जैसे इस आदेश से मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण या श्रम न्यायालय खोला जाता है तो वहां कौनसे आवश्यक काम होंगे ?पोक्सो कोर्ट में कौनसे आवश्यक काम होंगे? मेरी विनम्र राय में ये बिल्कुल अव्यवहारिक निर्णय है।सरकार ने कोई अव्यवहारिक निर्णय ले लिया तो क्या न्यायालय भी ऐसे निर्णय ले लेगा। *मेरी ही नहीं सभी एडवोकेट्स साथियों की राय में ये बिल्कुल गलत निर्णय है इस पर पुनर्विचार की जरूरत है* ।
जहां तक राजस्थान सरकार के आदेश का सवाल है।ये निर्णय भी बिल्कुल गलत है।आज हम बचे हुए इसलिए ही हैं क्योंकि हम घरों में है।जैसे ही आप कार्यालय खोलेंगे।वहां हर वो व्यक्ति आ सकेगा जिसे कोई काम है।आप रोक थोड़ी सकते हो। *एक तरह से आपने खुद ही लॉक डाउन का नियम तोड़ दिया। *और फिर मेरे समझ में ये नहीं आ रहा है कि इन कार्यालयों के खुलने से किसको फायदा होगा? किसने डिमांड की सरकार से कार्यालय खोलने की?अभी जान बचाना जरूरी है सबकी।सरकार का प्राथमिक लक्षय यही होना चाहिए। *सरकार ऐसे निर्णय लेने की बजाय फील्ड में आ रही उन समस्याओं का निस्तारण करे।जो जरूरी है तथा जिसका समाधान भी उपलब्ध है*। *ये राय मेरी निजी राय नहीं है।जनसामान्य की राय है* ।सरकार को इस दिशा में सोचने की जरूरत है।इस आदेश का रिव्यू होना आवश्यक है।
*डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार*।9413300227