मुख्य न्यायाधिपति जी को मेरा एक और सुझाव है

माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय आपसे विनम्र अनुरोध यह है कि आप द्वारा जो कल से कोर्ट्स खोलने का आदेश दिया गया है वो संशोधित किये जाने योग्य है।महोदय जी यदि सारी कोर्ट्स खोल दी जाएगी और कोई भी व्यक्ति फेमिली कोर्ट में या मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में आकर ये अर्जी लगाता है कि उसका मामला अर्जेंट है तो क्या आप उसकी एप्लीकेशन डिसाइड नहीं करोगे? और वो आदमी,क्लाइंट,वकील जो भी है वो कोरोना पॉजिटिव नहीं है।इस बात का आपके पास क्या सबूत है।और इन परिस्थितियों में आपके सामने कोई रामगंज का वकील आ गया तो आप कैसे तय करेंगे कि वो कोरोना पॉजिटिव नहीं है।उसके जांच की कोई व्यवस्थाएं थोड़े ही कि है आपने।देश की राजधानी दिल्ली का हम सबके पास उदहारण है।ये उदहारण सामने आने के बाद भी अगर हम लोग नहीं समझेंगे तो फिर कौन समझेगा।मेरा माननीय न्यायाधिपति महोदय से यही विनम्र निवेदन है कि जब पूरे देश में 3 मई तक लॉक डाउन है और अर्जेंट काम हो भी रहे हैं तो कल से न्यायालय खोलने का आदेश उचित नहीं है।

डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार।941330027…

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