आधुनिक भारत के शिल्पकार नेहरूजी की कुछ अनसुनी और अनकही बातें पार्ट 1

dr. j k garg
नेहरूजी कोई इतिहासकार नहीं थे किन्तु उनकी इतिहास की द्ष्टी काबिले तारीफ थी | जेल में रहते हुए बिना किसी संदर्भ के और इतिहास लेखन की कोई विधिवत ट्रेनिंग लिए बिना उन्होंने अपनी बेटी इंदिरा गाँधी को जो पत्र लिखे और जिसने बाद में एक विशाल ग्रंथ का रुप लिया वह पंडित जी की निसंदेह एक अदभुत कृति है | दुनिया के पाँच हज़ार साल के इतिहास को जिस सलीक़े से नेहरूजी ने लिपिबद्ध किया है उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती और इतिहासकारों ने इसे एच जी वेल्स की ‘आउटलाईन ऑफ़ द वर्ल्ड हिस्ट्री’ के समकक्ष का दर्जा दिया है | इसी किताब में पंडित जी ने लिखा है कि महमूद ग़ज़नवी ने सोमनाथ पर हमला किसी इस्लामी विचारधारा से नहीं किया था बल्कि वह तो विशुद्ध रुप से एक लुटेरा था और उसकी फ़ौज का सेनापति भी एक हिंदू तिलकधारी था | सोमनाथ पर हमला करने के बाद जब इसी महमूद ग़ज़नवी ने मध्य एशिया के मुस्लिम देशों को लूटा तो उसकी सेना में काफी संख्या मै हिंदू भी थे |

अयोध्या और बाबरी ढांचे को गिराने के समय में दिल्ली में एक वरिष्ठ पत्रकार केवल वर्मा ने मज़ाक मजाक में अपने से जूनियर पत्रकार से में एक टिप्पणी करते हुए कहा था, “जब हम लोग पत्रकारिता में आए थे तो भारत का नवनिर्माण हो रहा था और उसके नए-नए मंदिर बन रहे थे जैसे भाखड़ा नांगल बाँध, रिहंद बाँध, भिलाई, बोकारो इस्पात कारख़ाना आदि और हम उनके निर्माण और आधारशिला रखने की ख़बरों की रिपोर्ट किया करते और तुम्हें अयोध्या जैसे मुद्दे रिपोर्ट करने पड़ रहे हैं |”

संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—-डॉ.जे.के.गर्ग

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