अपने प्रधानमंत्री काल में विदेश विभाग हमेशा उनके पास रहा और इसी दौरान उन्होने मार्शल टीटो, कर्नल नासिर और सुकार्णो के साथ मिलकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी वो शीतयुद्ध की समाप्ति से पहले तक काफ़ी प्रभावी रहा
जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले शख्स थे। उनका लालन पालन गांव में ही हुआ, शुरू से इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई की। वे हिंदी सीखने के लिए गांव में घुमते थे और लोगों के बीच में बैठकर हिंदी का ज्ञान लेते थे। जवाहरलाल नेहरू पर 4 बार जानलेवा हमला हुआ था। पहली बार 1947 में बंटवारे के दौरान उन पर हमला किया गया था। इसके बाद 1955 में महाराष्ट्र में चाकू से उन पर हमला किया गया था। वही 1956 में बम से रेल की पटरी को उड़ाने की कोशिश भी की गई थी जो नाकामयाब रही थी |
चाचा नेहरू हमेशा से ही दरिया दिल रहे, फरवरी 1950, में राजस्थान में जवाहर लाल नेहरू के स्वागत में हरी सब्जियों को सजाया गया था। जिसे देखकर वे बहुत नाराज हुए और तब नेहरू जी ने उन सब्जियों को गरीबों में बंटवा दिया था। वहीं जवाहर लाल नेहरु एक बार लंदन जाने वाले थे। उनके नाई ने उनसे कहा मेरे पास घड़ी नहीं है इसलिए मुझे आने में देरी होती है। जिसके बाद नेहरू जी ने अपने नाई को लंदन से एक अच्छी घड़ी लाकर दी।
संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—-डॉ.जे.के.गर्ग