हमें निराश नहीं होना है

Dinesh Garg
कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए आज जिस ऊर्जा की जरूरत है उसका एक बहुत बड़ा केंद्र हमारे भीतर हमारा आत्मविश्वास है। हमें निराश नहीं होना है, उम्मीद नहीं छोड़नी है। हां इतना अवश्य है कि कुछ प्रियजन हमसे विदा जरूर हो गए लेकिन यह जीवन की लड़ाई का अंत नहीं हो सकता। जीवन ना तो कभी रुकता है, ना समाप्त होता है, और ना ही थकता है, वह पुनर्जन्म लेकर पुनः वापस प्रकट होता है तो निराशा के इस समय में हमें अपने मन को और एकाग्र चित्त कर समय के साथ लड़ने के लिए तैयार होना होगा, एक दूसरे का दामन थाम कर रखना होगा। जिस तरह विपत्ति मानवता पर आई है वह एक दिन चले जाएगी। यदि इस समय में भी हमने अपना आत्मविश्वास खो दिया तो हम परिजनों को इस रोग से लड़ने के लिए सक्षम नहीं बना पाएंगे। हमें स्वयं को मजबूत बनना है और अपने परिजनों को भी मजबूत बनाना है। प्रकति द्वारा आए संकट को हमें स्वीकार करना ही होगा। निसंदेह परिस्थिति विकट है लेकिन हम मानव के हौसले भी बुलंद है।आइए सभी एकजुट होकर संपूर्ण सजगता के साथ इस बीमारी से लड़ने के लिए अपने आपको तैयार करें और जीत लें इस जंग को। यह अवसर हैं दूर रहकर भी रिश्तो को निभाने का और सवारने का। समय निकालकर सभी के लिए मंगल प्रार्थना करने का। तो क्यों नहीं आज से ही पूर्ण सजगता के साथ संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रार्थना करें।
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