कंप्यूटर एवं संचार क्रांति के जनक एवँ युवाओं को 18 वर्ष की आयु में मताधिकार देने वाले राजीव गांधी पार्ट 1

j k garg
कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कुछ लोग दिलों पर। स्वर्गीय राजीव गांधी एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, किन्तु जनमानस के ह्रदय पर भी राज किया। स्व. राजीव गांधी ही वो इंसान थे जिन्होंने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था। स्वभाव से धीर गंभीर किन्तु आधुनिक सोच एवं तार्किक क्षमता के धनी राजीव ने बीसवी शदी में ही हिन्दुस्तान को 21 वीं शदी का उन्नत राष्ट्र बनाने का सपना संजोया था | अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कंप्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं। वे देश की कंप्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। भारत में कम्प्यूटर व संचार क्रांति के जनक के रूप में राजीव गांधी को सदैव याद किया जाएगा। रेलवे का कम्प्यूटरीकरण करके उन्होंने इस देश के सामने क्रांतिकारी परिवर्तन करके रख दिया।

इंदिरा गाँधी एवं फिरोज गाँधी के जयेष्ट पुत्र राजीव का जन्म 20 अगस्त 1944 को बम्बई में हुआ था | राजीव गांधी बचपन में बहुत ही संकोची स्वभाव के थे। जब वे दून स्कूल में पढ़ रहे थे, तब उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार उनसे मिलने स्कूल पहुंचे तो राजीव बाथरूम की बास्केट में छिप गए थे। राजीव गांधी को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय और आधुनिक संगीत पसंद था, उन्हें रेडियो सुनने तथा फोटोग्राफी का भी शौक था। राजीव का विवाह सोनिया गाँधी से हुआ था, इनके पुत्र पुत्री का नाम राहुल और प्रियंका है | राजनीति में आने से पहले राजीव गांधी एयरलाइन में पायलट की नौकरी करते थे। |

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