राजीव गांधी सौम्य एवं निर्मल स्वभाव के दुर्द्रशी राजनेता थे और किसी भी निर्णय में जल्दबाजी नहीं करते थे। उन्होंने जो सोचा वो पुराने ढर्रे की राजनीति से एक दम अलग था। उन्होंने दिल्ली शासन के तंग गलियारों से बाहर निकलकर देश के गांवों में जाकर वहां के निवासीयों से बात करके देश की नब्ज को टटोलना शुरू किया। वे अपने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर व विचार-विमर्श करके ही किसी निर्णय पर पहुंचते थे, शासन में खुद का एकाधिकार उनके स्वभाव नहीं था। राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो जनता से सीधे जुड़े थे और एक ऐसे नेता के रूप में विख्यात थे जिनकी पहुंच देश के आम आदमी के हृदय तक थी। राजीव गांधी ने देश के गरीबों के उत्थान के लिए 1 अप्रैल 1989 को जवाहर रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा आवास योजना और 10 लाख कुआं जैसी योजनाएं चालू कीं।
डा.जे.के.गर्ग Visit us at our blog——gargjugalvinod.blogspot.in