कंप्यूटर एवं संचार क्रांति के जनक एवँ युवाओं को 18 वर्ष की आयु में मताधिकार देने वाले राजीव गांधी पार्ट 2

j k garg
40 वर्ष की अल्पआयु में ही में राजीव गांधी विशाल जनादेश के साथ भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री (नोंवे) बन गये थे | उस चुनाव में कांग्रेस को 508 में से रिकॉर्ड 401 सीटें प्राप्त हुई थी। स्मरणीय रहे कि राजीव गांधी राजनीति में आने अनिच्छुक थे किन्तु परिस्थतीयां ऐसी बनी कि उन्हें राजनीति में जबरन प्रवेश करना पड़ा। राजीव गांधी को सुरक्षाकर्मियों का घेरा बिलकुल पसंद नहीं था। वे अपनी जीप खुद ड्राइव करना पसंद करते थे। राजीव गांधी को अपने नाना से ‘आराम हराम है’ और अपने पिता से ‘अपना काम खुद करो’ की प्रेरणा मिली थी। विकास को पसंद करने वाले युवा राजीव गांधी ने अपने मन में भारत को मजबूत, आत्मनिर्भर और तकनीकी विकास के मार्ग तेज रफ्तार से दौड़ता मुल्क बनाने का सपना संजोये रक्खा । इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण उनके जीवन का प्रमुख लक्ष्य था |

राजीव गांधी सौम्य एवं निर्मल स्वभाव के दुर्द्रशी राजनेता थे और किसी भी निर्णय में जल्दबाजी नहीं करते थे। उन्होंने जो सोचा वो पुराने ढर्रे की राजनीति से एक दम अलग था। उन्होंने दिल्ली शासन के तंग गलियारों से बाहर निकलकर देश के गांवों में जाकर वहां के निवासीयों से बात करके देश की नब्ज को टटोलना शुरू किया। वे अपने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर व विचार-विमर्श करके ही किसी निर्णय पर पहुंचते थे, शासन में खुद का एकाधिकार उनके स्वभाव नहीं था। राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो जनता से सीधे जुड़े थे और एक ऐसे नेता के रूप में विख्यात थे जिनकी पहुंच देश के आम आदमी के हृदय तक थी। राजीव गांधी ने देश के गरीबों के उत्थान के लिए 1 अप्रैल 1989 को जवाहर रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा आवास योजना और 10 लाख कुआं जैसी योजनाएं चालू कीं।

डा.जे.के.गर्ग Visit us at our blog——gargjugalvinod.blogspot.in

error: Content is protected !!