-राजनीति के खेल दिखाने में माहिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर दिखाई जादूगरी
-बसपा के छह विधायकों को अपने पाले में लेकर बदली राज्यसभा चुनाव की फिजां
-बिधूड़ी के निशाने पर रहे पुलिस सब इंस्पेक्टर को भेजा चित्तौड़गढ़ जिले से बाहर
✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
👉वाह जादूगर सरकार, मान गए, क्या पत्ते फेंटे हैं। बसपा के छह विधायकों को अपने पाले में लेकर राज्यसभा चुनाव की फिजां ही बदल दी है। राजनीति के खेल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वाकई महारत हासिल है। चाहे कितना बड़ा संकट हो, अपनी जादूगरी से चुटकी में हल कर देते हैं। यही नहीं, इसी राजनीतिक कला व कौशल की बदौलत एक ही तीर से कई निशाने भी साध लेते हैं। अब देखो, राज्यसभा की चार सीटों के लिए हो रहे चुनाव में जब मैदान में उतरे सुभाष चंद्रा पर भाजपा ने समर्थन का हाथ रखा, तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के तीन में से एक उम्मीदवार प्रमोद तिवारी चुनाव में निपट सकते हैं। किंतु गहलोत ने बसपा के छह विधायकों को अपने साथ उदयपुर बाड़े में ले जाकर भाजपा के पासे को ही उलट दिया। यदि गहलोत की रणनीति कामयाब रही, तो चंद्रा का चुनावी खेल निपटने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इधर काफी दिनों से बेगूं के कांग्रेस विधायक राजेंद्र बिधूड़ी के निशाने पर रहे भैंसरोड़गढ़ थाने के सब इंस्पेक्टर संजय गुर्जर का तबादला राजसमंद कर दिया गया है। बिधूड़ी से विवाद के बाद एक ऑडियो को लेकर सुर्खियों में रहे थे गुर्जर। यानी बिधूड़ी के कहने पर जो काम अभी तक लटका हुआ था, वो भी फटाफट निपटा कर बिधूड़ी को भी मना लिया गया है। यदि इन राजनीतिक खेलों की बात करें, तो गहलोत ने कांग्रेस में अपने सियासी विरोधी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी यह बता कर राजनीति का पाठ पढ़ा दिया है कि फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता व संगठन में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकते हैं।