हर नेता दिल्ली में डरा हुआ है

हर नेता चाहे कांग्रेस का हो या बीजेपी का दिल्ली में डरा हुआ है उसका साहस नहीं हो रहा की जनता के बीच जा कर संवाद कर सके केवल टीवी पर ही कमेन्ट कर रहा है. पुलिस भी दुबकी हुई है समझ चुकी है अब पानी सर से गुजर गया. पहली दफा नेताओं की आँखों में खौफ है वो समझ चुके है की अब वादों और बातों के दिन गए कुछ कर के दिखाना पड़ेगा.
टीवी पर आज़ादी के के समय के जैसा ही दृश्य है चारो तरफ आन्दोलनकारी है इन्ही से डर कर भारत छोडो आन्दोलन के बाद अंग्रेज डर गए थे और समझ गए थे अब इनको बेवकूफ बनाना मुश्किल है अब देश chhodna ही पड़ेगा वैसा ही माहौल है.
हर नेता अभिनेता का रोल कर रहा है संवेदना प्रकट करते हुए रोने का ढोंग कर रहा है. जनता अब समझ चुकी है इसलिए नेता लोग रोने का ढोंग कर रहे है वो जानते है की थोडा नाटक करना पड़ेगा खाली बातों से पार नहीं पड़ेगी.
अब रहा सवाल सम्वेंदंशीलता का तो वो देख लिया कल ही एक लड़की ने पंजाब में आत्महत्या करी थी जो गैंग रेप से पीड़ित थी और पुलिस उनकी नहीं सुन रही थी बल्कि परेशान और कर रही थी सो उसने अपना जीवन खतम कर लिया किसी भी नेता ने उस पीडिता के परिवार के लिए दो शब्द नहीं कहे. (बीजेपी की भी कलई खुल गयी क्योंकि पंजाब में सांझे में उनकी सरकार है अब वो कांग्रेस की बुराई नहीं कर सकते).
खैर आज राष्ट्रीय शोक का दिन है पूरी दुनिया देख रही की भारत की राष्ट्रीय राजधानी के क्या हाल है.
सख्त कानून से क्या होगा सभी को सुधारना होगा, हमारी न्यायिक प्रणाली दुनिया की सबसे लम्बा समय लेना वाली है.
खैर आगे आगे देखते है क्या होता है.
प्लानिंग में अमेरिका का जवाब नहीं, हम हमेशा मात खा जाते है, पीडिता को भेज तो दिया सिंगापुर पर क्या 30000 हज़ार फुट पर BP कण्ट्रोल करने का कोई इन्तेजाम था नहीं ये जो सर में चोट कह रहे है वो नहीं थी ब्लड क्लोटिंग हो गयी. विशेष अनुमति लेकर कम ऊंचाई पर उड़ सकते थे पर अब इन बातों को दोहराने से क्या.
समय केवल प्रायश्चित का है जनता और सरकार दोनों का.
-ऐतेजाद अहमद खान 

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