देश के अंतर्मन को झकझोरने और जनमानस की चेतना को जगाने वाली सामूहिक दुष्कर्म का शिकार युवती का पार्थिव शरीर विशेष विमान के जरिए सिंगापुर से भारत पहुंच गया है। एयर इंडिया के यह विशेष विमान सुबह 3.30 बजे भारत पहुंचा। पीड़ित का अंतिम संस्कार 7:30 बजे दिल्ली के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़ित के पिता ने उसे मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के समय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह भी मौजूद थे।
इससे पहले सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री ने पीड़ित को एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बीच, पूरी दिल्ली प्रदर्शनकारियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया गया है। करोड़ों लोगों की दुआओं और पहले दिल्ली, फिर सिंगापुर के डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद गैंगरेप पीड़ित 23 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट ने शुक्रवार आधी रात के बाद 2.15 बजे दम तोड़ दिया। जब उसने वतन से दूर सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में अंतिम सांस ली तब मां-बाप और भाई उसके पास थे। युवती ने पहले दुष्कर्मियों से भरी बस में साहस का जैसा परिचय दिया और फिर अस्पताल में जैसी जीवटता दिखाई, उससे उसके प्रति सारे देश की सहानुभूति उमड़ आई। दुष्कर्म के साथ-साथ महिलाओं के प्रति होने वाले अन्याय की प्रतीक बनकर उभरी यह युवती देश को मर्माहत करने के साथ समाज के हर तबके में संवेदना जगा गई।
सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. केल्विन लो के अनुसार आठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की तमाम कोशिशों के बाद भी पीड़िता की सेहत को गिरने से रोका नहीं जा सका और उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। उसके निधन की खबर मिलते ही देश में शोक की लहर दौड़ गई। केंद्र सरकार तो सन्न सी रह गई। बदहवासी में उसने दस मेट्रो स्टेशन बंद कर और धारा 144 लगाकर नई दिल्ली के एक बड़े इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अपील के बावजूद दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट को प्रदर्शनकारियों के लिए खोलने से इन्कार कर दिया। प्रदर्शनकारी दिनभर जंतर मंतर पर डटे रहे।
दिन चढ़ते-चढ़ते देश के अन्य शहरों में भी शोक और विरोध प्रदर्शन का तांता लग गया। दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनी 23 ंवर्षीय युवती को 16 दिसंबर की रात सफदरजंग अस्पताल में मरणासन्न हालत में भर्ती किया गया था। उसके साथ हुई दरिंदगी रोंगटे खड़े कर देने वाली थी और इसीलिए जिसने भी उसके बारे में सुना, रोष से भर गया। बाद में यह रोष दिल्ली के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में धरना, प्रदर्शन और कैंडल मार्च आदि के जरिये प्रकट हुआ। आजाद भारत में पहली बार राजपथ पर राष्ट्रपति भवन के समक्ष उग्र प्रदर्शन हुए। इससे निपटने में पुलिस ने कहीं अधिक उग्रता दिखाई। इस दौरान घायल हुए दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की अस्पताल में मौत हो गई। इससे उग्र प्रदर्शन तो थम गए, लेकिन लोगों की व्यवस्था के प्रति नाराजगी बरकरार रही। उसकी मौत की खबर ने दिल्ली और शेष देश को एक बार फिर द्रवित कर दिया है।
आम जनता की भावनाओं को देखते हुए न्यूज चैनलों ने युवती के शव को लाए जाने, उसके अंतिम संस्कार, उसके घर व परिवारवालों को नहीं दिखाने का फैसला किया। इसके लिए न्यूज ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन ने आठ दिशानिर्देश जारी किए हैं। लड़की की मौत के बाद पूरे देश में उभरे भावनाओं के ज्वार से सहमी सरकार स्थिति से निपटने की तैयारियों में जुट गई है। इसके लिए प्रधानमंत्री के आवास पर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई। इसमें लड़की के अंतिम संस्कार को अति गोपनीय रखने के साथ ही आने वाले दिनों में महिलाओं की सुरक्षा और उनसे जुड़े अपराधों पर त्वरित कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठाने का फैसला किया गया।
इससे पूर्व गैंगरेप की शिकार युवती के सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो जाने की सूचना मिलते ही शनिवार तड़के शव को दिल्ली लाने की प्रक्रिया पर विचार विमर्श शुरू कर दी गई। सुबह होते ही सरकार के निर्देश पर एयर इंडिया के 150 सीटर एवन 380 स्पेशल विमान को सिंगापुर ले जाने के लिए तैयार किया गया। आईजीआई से सुबह आठ बजे यह विमान सिंगापुर के लिए उड़ान भरी, जिसमें पुलिस के अधिकारी व कई एजेंसियों के अधिकारी सिंगापुर के लिए रवाना हुए। एयरपोर्ट अधिकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।