*जातिगत वोटों का साधने की मंशा*

-लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां
-आयोगों और बोर्डों में अध्यक्ष नियुक्त कर सात जातियों को साधने की कोशिश

✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
👉राजस्थान की भाजपा सरकार ने 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणाएं होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले करीब सात आयोगों और बोर्डों में बतौर अध्यक्ष राजनीतिक नियुक्तियां करने के आदेश जारी कर सात जातियों को साधने का प्रयास किया है। हालांकि यह बात भी तय है कि इन नियुक्त्यिं के पीछे जातिगत वोटों को साधने की मंशा है, साथ ही कुछ रूठों को भी इसके माध्यम से मनाने का प्रयास किया गया है। इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि जिन नेताओं को अध्यक्ष पद से नवाजा गया है, वे अब लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की दौड़ से बाहर हो गए हैं। जोधपुर के रूठे नेता व काफी समय से अनमने चल रहे जसवन्त बिश्नोई को राज्य पशु कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। प्रहलाद टांक को माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। ओम प्रकाश भड़ाना को राजस्थान देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष, राजेंद्र नायक को राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति विकास आयोग का अध्यक्ष, सी.आर. चौधरी को राज्य किसान आयोग का अध्यक्ष और प्रेम सिंह बाजौर को राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

प्रेम आनंदकर
राजनीतिक रूप से किसान आयोग, देवनारायण बोर्ड, एससी वित्त निगम और सैनिक कल्याण बोर्ड अहम् माने जाते हैं। इनमें नियुक्त नेताओं को कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री का दर्जा देने के आदेश अलग से जारी होंगे, जो अब आचार संहिता खत्म होने के बाद जारी होने की संभावना है। राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष बने नागौर के पूर्व भाजपा सांसद सी.आर. चौधरी वैसे तो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। वे राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य और अध्यक्ष भी रहे हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग से रिटायर होने के बाद उन्होंने नागौर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे। काफी समय से भाजपा से अनमने चल रहे जोधपुर के पूर्व भाजपा सांसद जसवंत विश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने अपनी नाराजगी का अहसास सोशल मीडिया के माध्यम से कराया था। चूंकि बिश्नोई समाज में उनकी अच्छी पैठ है और जोधपुर भाजपा में भी खासा प्रभाव है, इसलिए भाजपा सरकार ने उन्हें अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी दूर की है। देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए ओमप्रकाश भडाना वर्तमान में भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं। वे भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा के इतिहास में प्रदेश महामंत्री बनने वाले भडाणा पहले गुर्जर नेता हैं। सीकर के कद्दावर नेता पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को सैनिक कल्याण सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे पहले भी इस समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं और सीकर में उनका खासा प्रभाव है। श्रीगंगानगर के प्रहलाद टांक को माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। सुजानगढ़ के रहने वाले और पूर्व आईएएस अधिकारी राजेंद्र नायक को राजस्थान एससी वित्त निगम अध्यक्ष बनाया गया है। वे वर्तमान में भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। इन राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से भाजपा सरकार ने छह बड़े वोट बैंक को मैसेज देकर साधने का प्रयास किया है। इनमें सी.आर. चौधरी जाट, प्रेमसिंह बाजौर राजपूत, जसवंत सिंह विश्नोई, भडाणा गुर्जर हैं, गुर्जर स्पेशल बैकवर्ड क्लास यानी एसबीसी वर्ग में आते हैंl नायक एससी और प्रहलाद टांक और रामगोपाल सुथार ओबीसी वर्ग के हैं।

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