तू भी सिकंदर बन सकता है

तकदीर को न कोस कुछ करके भी देख प्यारे
कल कुछ भी हो सकता है,
तू भी सिकंदर बन सकता है

रख खुद पर भरोसा निकल चल राहें मंजिल की जानिब
चलते चलते ही मंजिल पा सकता है,
तू भी सिकंदर बन सकता है

कमी नहीं तुझमें ये तू जान ले
बुलंदी पा लेने की गर ठान ले
हौसला रख कूद जा जीवन संग्राम में,
तू भी सिकंदर बन सकता है 00

– श्याम कुमार राई
‘सलुवावाला’

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