*पानी का लेवल घट गया, लेकिन भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया कि पूरा विभाग डूब गया*

*जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने विभाग में बेईमानी को ईमानदारी से स्वीकारा, लेकिन ये नहीं बताया सुधारेंगे कैसे*
————————————
*■ ओम माथुर ■*
*तो,राजस्थान का पूरा जलदाय महकमा भ्रष्ट्र है। यानी बाबू से लेकर अफसर,इंजीनियर तक सभी और भ्रष्टाचारी हैं,रिश्वतखोर हैं। भ्रष्टाचार भी इतना गहरा फैला है कि अगर गहनता से जांच हो तो शायद विभाग में कोई कर्मचारी ही ना बचे,क्योंकि सभी को सस्पेंड करना पडे़। पूरे महकमे को भ्रष्ट बताने का सच स्वीकार करने वाले कोई और नहीं, राजस्थान के बहुचर्चित जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी खुद है। जो पहले भी बालाजी महाराज ही पानी ला सकते हैं,कहकर चर्चा में रहे थे और आज भी अपनी इस बात पर कायम हैं। अपनी कही बात पर कायम रहने और सच बोलने का साहस हर नेता में नहीं होता है। लेकिन चौधरी हमेशा सच भी नहीं बोलते। 3 दिन पहले विधानसभा में अजमेर की विधायक अनीता भदेल के सवाल का जवाब देते हुए वो साफ झूठ बोल गए थे कि अजमेर में दो दिन के अंतराल से पानी आ रहा है। उनके झूठ पर खुद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने उन्हें टोकते हुए कहा था कि अजमेर मे चार से पांच दिन के बीच पानी आता है और ये हालात आज भी कायम है।*

ओम माथुर
*चौधरी ने कल विधानसभा में अपने विभाग की मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि उनके विभाग में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। 40 अफसरों को सस्पेंड कर चुका हूं। अगर मैं अंदर तक गया, तो मेरे विभाग में एक भी नहीं बचेगा। इस लेवल का भ्रष्टाचार है विभाग में। ज्यादा नहीं कह सकता,इसे मुझे ही चलाना है। यानी मंत्रीजी ने साफ कर दिया कि भले ही पानी का लेवल राज्य में सभी जगह कम हुआ हो। लेकिन पानी वाले विभाग में भ्रष्टाचार का लेवल बढ़ गया है और वह इतना बढ़ गया है कि पूरा विभाग आकंठ उसमें डूब गया है। इतना डूब गया है कि वह भी सभी को नहीं निकाल सकते। यूं जलदाय विभाग हमेशा भ्रष्ट महकमों में ही शुमार किया जाता रहा है। इसमें अफसरों, इंजीनियर और ठेकेदारों का गठजोड़ हर साल करोड़ों रुपए पर हाथ साफ करता है और हैंडपंपों की खुदाई से लेकर नई पानी की पाइप लाइन डालने तक कमीशन की दरें तक तय रहती है। महकमे में नियुक्तियों और तबादलों का भी बड़ा कारोबार है। समय-समय पर इसके इंजीनियर-कर्मचारी एसीबी के शिकंजे में भी आते रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार फिर भी कम नहीं हुआ और आखिर खुद मंत्री को इसे मानना पड़ा।*
*राज्य में भाजपा की सरकार बने हुए अभी 8 महीने ही हुए हैं। इसलिए जाहिर है कि चौधरी ने विभाग में भ्रष्टाचार का ठीकरा सीधा कांग्रेस की सरकार पर फोड़ दिया। भले ही उनके कुछ माह के कार्यकाल में विभाग सुधरा नहीं हो,लेकिन जितना भ्रष्टाचार चौधरी बता रहे हैं,उतना बिगड़ा भी नहीं होगा। जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और इसे लेकर पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी तक पर उठ रही अंगुलियों ने भी चौधरी को यह कहने की हिम्मत दी होगी। मिशन के तहत 20 हजार करोड़ तक के घोटाले के आरोप भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने लगाए थे। मामले की जांण ईडी कर रही है। अब तक जयपुर, दौसा के कई जलदाय अधिकारियों सहित आईएएस सुबोध अग्रवाल और महेश जोशी के घरों पर तलाशी ली जा चुकी है। साथ ही 11करोड़ की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। जोशी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास रहे हैं और यह हर कोई जानता है कि अपनी सरकार बचाने के चक्कर में गहलोत ने पिछले पूरे कार्यकाल में मंत्रियों को तो क्या,विधायकों को भी मनमर्जी करने की पूरी छूट दे रखी थी। तो जाहिर है तब हर कोई दोनों हाथों से लूटने में लगा था।*
*लेकिन चौधरी ने विभाग को सुधारने के लिए कोई योजना नहीं बताई,तो क्या यह माना जाए कि वह भ्रष्ट अफसरों,इंजीनियर और कर्मचारियों से ही विभाग चलाएंगे? क्या ही अच्छा होता कि वह भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्ययोजना बताते,ताकि विभाग के कार्मिकों में भय बैठता और वो ईमानदारी से काम करते। सवाल ये भी है कि जलदाय विभाग में कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों की यूनियन मंत्रीजी की बात से इत्तफाक रखती है कि वो भ्रष्ट है? क्योंकि अभी तक चौधरी के बयान का किसी ने विरोध नहीं किया है। कहीं ऐसा ना हो कि कुछ दिनों में कुछ और मंत्री भी ऐसे ही अपने विभाग की सच्चाई स्वीकार कर पोल खोलते रहे। तो,फिर सवाल भजनलाल सरकार की कार्यक्षमता और ईमानदारी पर भी उठने लगेंगे। आखिर राज आने के बाद उन्होंने सुधार के लिए किया क्या? यूं अब यह भाजपा नेता ही नहीं,आम लोग भी कहने लगे हैं कि राजस्थान में अभी ब्यूरोक्रेसी ही राज कर रही है।*
*9351415379*

error: Content is protected !!