कॉलर का नाम अब मोबाइल पर

पारदर्शिता और सुरक्षा की नई पहल

केन्द्र सरकार ने मोबाइल कॉलिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए निर्णय लिया है कि अब मोबाइल पर कॉल आने पर नंबर के साथ कॉल करने वाले का नाम भी दिखेगा। यह सुविधा TRAI और दूरसंचार विभाग (DoT) के संयुक्त फैसले से लागू होगी, जिसका उद्देश्य है—फेक कॉल, धोखाधड़ी और स्पैमिंग पर रोक लगाना।

यह तकनीक CNAP (Calling Name Presentation) पर आधारित होगी, जो किसी ऐप नहीं बल्कि मोबाइल नेटवर्क के सिग्नलिंग सिस्टम से सीधे जुड़ी होगी। जब कोई व्यक्ति कॉल करेगा, तो उसका नाम वही दिखेगा जो KYC फॉर्म में दर्ज है। यानि कॉलर की पहचान सरकारी स्तर पर प्रमाणित होगी।

इस कदम से आम उपयोगकर्ता को सुरक्षा का नया भरोसा मिलेगा। बुजुर्ग, ग्रामीण और महिलाएँ अनजान कॉल्स से सतर्क रह सकेंगी। मोबाइल पर कौन कॉल कर रहा है जानकर जवाब देने का निर्णय आसान होगा।

हालाँकि कुछ चुनौतियाँ भी हैं—पुराने नेटवर्क (2G/3G) में यह तकनीक तुरंत नहीं चलेगी, गलत या अधूरी KYC जानकारी विवाद खड़ा कर सकती है, और हर व्यक्ति का नाम सार्वजनिक दिखना गोपनीयता के प्रश्न खड़े करेगा।

फिर भी यह पहल भारत को उन देशों की श्रेणी में ला सकती है जहाँ मोबाइल कॉल में नाम और नंबर दोनों सरकार-प्रमाणित रूप से प्रदर्शित होते हैं—जिससे डिजिटल पारदर्शिता और उपभोक्ता-सुरक्षा का नया अध्याय शुरू होगा।

@ रुक्मा पुत्र ऋषि

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