एक पत्र नरेन्द्र मोदी के नाम

राजेन्द्र सिंह हीरा
राजेन्द्र सिंह हीरा

“नरेंद्र मोदी जी में एक सिक्ख हूँ । सिक्ख हूँ उस गुरु गोविंद सिंह जी का , जिसने अपना पूरा परिवार न्योछावर कर दिया मुग़लों से हिंदुओं की रक्षा में । सिक्खों का बलिदान देश ही नहीं पूरी दुनिया में जग जाहिर है । मेरा भारत देश , मेरी भारत माँ पर जब भी कोई आंच आती दिखती है या इस देश के आकाश पर जब भी दुश्मन के काले , आतंकी बादल मंडराने लगते हैं तो मेरा खून खौल जाता है । पर अफसोस देश की सरकार में ऐसा कोई जज़्बा नहीं है । सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अपने छोटे छोटे फ़ायदों में इतनी उलझी हुई है कि उसे देश की अखंडता अक्षुन्ता , रक्षा की फिक्र ही नहीं है । सरकार राष्ट्रीय हितों की अनदेखी कर रही है । जिसका फायदा पड़ौसी दुश्मन देश चाइना और पाकिस्तान उठाने से नहीं चूक रहे । मैं न्यूज़ नेशन टी वी चेनल पर रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन भरत वर्मा का एक साक्षात्कार सुन रहा था । वस्तुस्थिति सुनकर दिल दहल गया । भरत वर्मा जी का कहना है कि हाफिज़ सईद और नवाज़ शरीफ मिले हुए हैं । अगर हम पर युद्ध थोपा गया तो क्या हम उसके लिए तैयार हैं । अगर पाकिस्तान और चाइना एक साथ हमला कर दें तो क्या हम उसके लिए तैयार हैं ?सरकार ने अपनी सेना पर ध्यान नहीं दिया है । हमें जवानों के लिए अत्य आधुनिक हथियार राइफल्स चाहिए । हमें सही ग्रेड की बुलेट प्रूफ जेकेट्स चाहिए । उन पर ध्यान न देकर हम वेस्टलेंड हेलिकोप्टेर्स पर ध्यान दे रहे हैं जो कि फायदे का सौदा है । जब पाकिस्तान और पंजाब की असेंबली भरत के खिलाफ प्रस्ताव पारित करती है तो ऐसे में हमें नवाज़ शरीफ पर कैसे विश्वास करना चाहिए । दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है । इस लिहाज से हमें विएतनाम व जापान का सहयोग लेना चाहिए । रूस व अमेरिका से भी हम सहयोग ले सकते हैं । नरेंद्र मोदी जी सरकार में तो मुझे कोई ऐसा दिखता नहीं जिसे में अपनी व्यथा सुनाऊँ । आप देश के लिए सोचते हैं । आप देश की दुर्दशा देखकर व्यथित हैं । आप में होंसला है । देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा है । इसलिए में अपनी व्यथा आपसे बाँट रहा हूँ । उम्मीद है आप जो कर सकते हैं जरूर करेंगे । ——जयहिंद और वंदे मातरम ”
-राजेन्द्र सिंह हीरा

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