संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की श्रीलंका यात्रा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लय
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लय

मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त नवी पिल्लय 25 से 31 अगस्त 2013 तक श्रीलंका के दौरे पर जाएंगी. वे वहाँ वरिष्ठ न्यायिक व्यक्तित्वों, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों और ‘सबक सीखा और सुलह आयोग’ (LLRC – Lessons Learnt and Reconciliation Commission) की अनुशंसाओं पर ‘कार्रवाई की राष्ट्रीय आयोजना’ (National plan of action) की निगरानी कर रही समिति से मुलाकात करेंगी. वे श्रीलंका के राष्ट्रपति, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों से भी मिलेंगी. वे वहाँ सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगी और श्रीलंका के उत्तर व पूर्व क्षेत्रों की यात्रा भी करेंगी. वे 31 अगस्त 2013 को कोलम्बो में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित भी करेंगी.

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि हालाँकि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने श्रीलंका में युद्ध के बाद सुलह उपायों के अध्ययन, अनुशंसा और स्थाई शान्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय दवाब के बाद 2010 में ‘सबक सीखा और सुलह आयोग ‘ (LLRC – Lessons Learnt and Reconciliation Commission) नियुक्त किया था. आयोग ने युद्ध की अवधि के दौरान श्रीलंका सरकार और सुरक्षा बलों के आचरण के बारे में और उनके खिलाफ आरोपों के बारे में पूछताछ की थी और नवंबर 2011 में सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट में सरकार को कई उपायों को लागू करने की सिफारिश की थी, पर श्रीलंका सरकार ने इस ओर विशेष कदम नहीं उठाये, फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके चलते श्रीलंका सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दवाब बढ़ गया.

केशव राम सिंघल
केशव राम सिंघल

2009 में युद्ध की समाप्ति के बाद हजारों नागरिकों के गायब होने की जानकारी मिली और पीड़ित परिवारों द्वारा सरकार से अनेक बार माँग करने के बावजूद श्रीलंका सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और अब अंतरराष्ट्रीय दवाब के कारण श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अभी हाल ही में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जो मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के श्रीलंका आगमन के कुछ दिनों पूर्व ही किया गया है, जबकि श्रीलंका सरकार को यह काम काफी पहले कर लेना चाहिये था.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की श्रीलंका यात्रा से युद्ध पीड़ितों को कुछ राहत मिलेगी और श्रीलंका सरकार कुछ और सकारात्मक कदम उठाएगी, ऐसी आशा है.

– केशव राम सिंघल

error: Content is protected !!