वर्षों की वार्ता रंग लाई, रूस डब्लूटीओ में

डब्लूटीओ में रूस के शामिल होने का स्वागत हुआ है. यूरोपीय संघ (ईयू) ने कहा है कि रूस के डब्लूटीओ में शामिल होने से यूरोपीय कंपनियों को लाभ मिलेगा.

रूस यूरोपीय संघ का तीसरा बड़ा व्यापार साझेदार है. यूरोपीय संघ के देश 134 अरब डॉलर (108 अरब यूरो) का सामान रूस को निर्यात करते हैं. इनमें सात अरब यूरो के कार और छह अरब यूरो की दवाएँ शामिल हैं.

डब्लूटीओ में शामिल होने के बाद रूस अब आयत शुल्क में कमी करेगा, निर्यात शुल्क को सीमित करेगा और देश में यूरोपीय कंपनियों की पहुँच बढ़ेगी.

इसके अलावा डब्लूटीओ की व्यापार प्रक्रियाओं के तहत रूस को अन्य कई कदम उठाने होंगे.

फायदा

बीबीसी के मॉस्को स्थित संवाददाता डेनियल सैंडफर्ड का कहना है कि रूस के डब्लूटीओ में शामिल होने से वहाँ विदेशी कंपनियों की पहुँच बढ़ेगी और अनुमान के मुताबिक रूस इन कंपनियों के लिए बाजार भी बनेगा.

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस फैसले से रूस को भी फ़ायदा होगा.

रूस को भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का मौक़ा मिलेगा और उसका विदेशी निवेश भी बढ़ेगा. रूस इस समय यूरोपीय संघ के देशों को 200 अरब यूरो का सामान निर्यात करता है, जिनमें से 130 अरब यूरो का सिर्फ़ तेल होता है.

हालाँकि बीबीसी संवाददाता का कहना है कि रूस की स्थिति में सुधार भ्रष्टाचार पर लगाम, नौकरशाही का दखल कम करने और क़ानून-व्यवस्था ठीक करने पर भी निर्भर करेगा.

रूस डब्लूटीओ का 156वाँ सदस्य बना है. बुधवार को ही प्रशांत द्वीप के देश वनुआतू भी डब्लूटीओ में शामिल हुआ है. वो डब्लूटीओ का 157वाँ सदस्य है.

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