पाकिस्तान सरकार राष्ट्रपति आसिफ जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दोबारा खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने को राजी हो गई है.
प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अदालती अवमानना से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए कानून मंत्रालय को अधिकार दे दिया है.
पाकिस्तान सरकार इस मामले में लंबे समय से स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने से इनकार करती रही है.
इसी मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद यूसुफ रजा गिलानी को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. उनके बाद पद संभालने वाले अशरफ पर भी स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए अदालत की ओर से खासा दबाव है.
25 तक की मोहलत
मंगलवार को जस्टिस आसिफ सैयद खोसा के नेतृत्व वाली पांच जजों की खंडपीठ ने अदालती अवमानना से जुड़े मामले की सुनावाई की.
उन्होंने कहा कि पत्र लिखे जाने से पहले उसका मसौदा अदालत को दिखाया जाए ताकि उसमें अगर किसी बदलाव की जरूरत हो तो वो किया जा सके.
अदालत ने पत्र का मसौदा तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री को 25 सितंबर तक का समय दिया है. उसी दिन इस मामले की अगली सुनवाई होगी, जिसके लिए प्रधानमंत्री का आना जरूरी नहीं होगा.
पाकिस्तान के कानून मंत्री ने पत्र का मसौदा तैयार करने के लिए अदालत से 28 सितंबर तक का समय मांगा था. लेकिन अदालत ने 25 सितंबर तक की ही मोहलत दी है और कहा कि इस मामले में ज्यादा देर करने से शक और संदेहों को बढ़ावा मिलेगा.