ईसाई इतिहास के एक जानकार के मुताबिक एक प्राचीन भोजपत्र पर ईसा मसीह शादी-शुदा का स्पष्ट विवरण है.
रोम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हार्वर्ड विश्ववद्यालय की प्रोफेसर केरेन किंग ने चौथी शताब्दी के भोजपत्र में लिखे इस अभिलेख का ज़िक्र किया. ये भोजपत्र कूड़े के एक ढेर में मिला था.
उन्होंने बताया कि शोधकर्ताओं ने इन शब्दों को पहचान लिया है जिसमें ईसा मसीह अपनी पत्नी का ज़िक्र करते हैं. किंग के मुताबिक हो सकता है कि ये मेरी मैग्डेलन हों.
ईसाई मान्यताओं के मुताबिक ईसा मसीह अविवाहित थे, लेकिन केरेन किंग का कहना है कि बहुत पहले ये बहस का मुद्दा था.
उनका कहना था कि इस शोध से ईसा मसीह के ब्रह्मचर्य और ईसाइयत में महिलाओं की भूमिका को लेकर एक नई बहस छिड़ सकती है.
लेकिन इस घोषणा ने धर्मशास्त्र के कई जानकारों को भड़का भी दिया है.
तेनेसी में एक प्रोफेसर और पादरी जिम वेस्ट कहते हैं, “भोजपत्र पर लिखी चीज किसी बात का सबूत नहीं हो सकती. ये बिना किसी संदर्भ के हवा में दिया गया एक बयान जैसा है.”
आशंका
जाने-माने भाषा वैज्ञानिक वोल्फ-पीटर भी इस सम्मेलन में मौजूद थे. उनका कहना था, “कूड़े के ढेरों में हजारों भोजपत्र पड़े हैं जिनमें बेतुकी बातें लिखी होंगी.”
सम्मेलन में कई ऐसे सवाल उठाए गए जिनका जवाब नहीं दिया जा सका.
लेकिन केरेन किंग का कहना था कि ये भोजपत्र ऐसा पहला धर्मलेख है जिसमें ईसा मसीह अपनी पत्नी को संबोधित कर रहे हैं.
उनके मुताबिक चौथी शताब्दी का ये दस्तावेज संभवत: मूल रूप से दूसरी शताब्दी में ग्रीक भाषा में लिखा गया था.
केरेन का कहना था कि शुरुआत में उन्हें लगा कि ये नकली है, लेकिन पूरी तरह से परीक्षण के बाद पता चला कि ये वास्तविक है.
उनका कहना था, “कई विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अभी और कई दौर के परीक्षणों के बाद ही लिया.
केरेन का कहना था कि ये दस्तावेज ईसा मसीह की वैवाहिक स्थिति का प्रमाण नहीं था.
वहीं केंटकी में प्रोफेसर और बाइबिल के विद्वान बेन विदरिंगटन कहते हैं कि हो सकता है कि ‘वाइफ’ शब्द का इस्तेमाल किसी घरेलू नौकरानी या किसी अनुयायी के लिए किया गया हो.
केरेन के सहयोगी शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दस्तावेज में ईसा मसीह अपने अनुयायियों से ये भी कहते हैं कि मेरी मैगेडेलेन को शिष्या बनाना फायदेमंद होगा.
इससे ये पुरानी धारणा भी खारिज होती है कि ईसा मसीह की कोई महिला शिष्य नहीं थी.
केरेन ने इन दस्तावेजों को रोम के ला सैपिएंजा विश्वविद्यालय में हुए छह दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किए थे.
मुरझाए हुए इस भोजपत्र का आकार बहुत छोटा है और इसमें काली स्याही से लिखी हुई आठ पंक्तियां हैं, जिन्हें लेंस की मदद से देखा जा सका.
केरेन ने बताया कि इन टुकड़ों को इकट्ठा करने वाले व्यक्ति ने उसका नाम सार्वजनिक न करने की अपील की है.