एफबीआई के स्टिंग ऑपरेशन में फंसा चरमपंथी

अमरीकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क में संघीय बैंक फेडरल रिज़र्व की इमारत के बाहर ज़ोरदार धमाके की कोशिश करने वाले एक बांग्लादेशी व्यक्ति को ‘स्टिंग ऑपरेशन’ कर गिरफ्तार किया है.

21 वर्षीय रिजवानुल अहसान नफीस पर अमरीकी संघीय जांच एजेंसी एफबीआई की महीनों से नजर थी. नफीस ‘आतंकवादी हमला’ करने के इरादे से अमरीका पहुंचे थे.

एफबीआई के अधिकारियों ने पहचान ना ज़ाहिर करते हुए नफीस से मेलजोल बढ़ाया और आखिर बम धमाके की योजना तैयार की.

संदिग्ध को लगा कि उसके पास 454 किलोग्राम का बम है जिसमें वो धमाका कर सकते हैं लेकिन इस प्रयास से पहले ही उसे कथित तौर पर धमाके की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

अधिकारियों ने बुधवार को न्यूयॉर्क में दर्ज शिकायत में कहा कि नफीस जनवरी 2012 में अमरीका गए और उन्होंने ऐसे लोगों से संपर्क किया जिनकी मदद से धमाका किया जा सके.

कैसे फंसे फंदे में?

अमरीकी संघीय अभियोजकों का कहना है कि जिन लोगों से नफीस ने संपर्क किया, उनमें से एक व्यक्ति एफबीआई के काम करने वाला निकला.

इसके बाद से नफीस पर नजर रखी जा रही थी. एफबीआई का कहना है कि नफीस से कोई खतरा नहीं था.

एफबीआई के एजेंट ने भेष बदल कर नफीस को 20 थैले बेचे जिनमें उन्हें लगा कि 22.76 किलो विस्फोटक सामग्री थी. इसके बाद नफीस ने डेटोनेटर और टाइमिंग डिवाइस खरीदे.

अब उन पर व्यापक विनाश के हथियारों का इस्तेमाल की कोशिश करने और अल कायदा को समर्थन देने के आरोप लगाए गए हैं.

एफबीआई ने इस तरह ‘स्टिंग ऑपरेशन’ करके पहले भी कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. नफीस की गिरफ्तारी इस सिलसिले की ताजा कड़ी है.

अर्थव्यवस्था पर निशाना

फेडरल रिजर्व की इमारत में अमरीका की केंद्रीय बैंक का मुख्यालय है जो न्यूयॉर्क के मैनहट्टन इलाके में स्थित है.

संघीय अधिकारियों का कहना है कि नफीस कई उच्च अमरीकी अधिकारियों और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज समेत कई अहम जगहों को निशाना बनाना चाहते थे.

नफीस ने कथित तौर पर एक बयान में कहा है कि उन्हें लगता था कि अमरीका को ध्वस्त करने का सबसे अच्छा तरीका उसकी अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना है.

इस बांग्लादेश व्यक्ति ने भेष बदले हुए एफबीआई के एजेंटों से बातचीत में बताया कि उनके अल कायदा से भी रिश्ते हैं.

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