अपीलीय अदालत से रजत को राहत

अमेरिका के सबसे बड़े भेदिया कारोबार मामले में दोषी ठहराए गए गोल्डमैन सैक्श के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता को अपीलीय अदालत से बड़ी राहत मिल गई है। अदालत ने अपील पर सुनवाई जारी रहने तक जेल से बाहर रहने की गुप्ता की याचिका मंजूर कर ली है। इसके लिए गुप्ता को एक करोड़ डॉलर का बांड भरना होगा। इस मामले की सुनवाई अब अगले साल अप्रैल में हो सकती है।

भारतीय मूल के कारोबारी को भेदिया कारोबार का दोषी पाए जाने पर मैनहंट्टन की अदालत ने दो साल कैद की सजा सुनाई है। उसकी सजा आठ जनवरी से शुरू होनी है। गुप्ता ने इस फैसले के खिलाफ अपीलीय अदालत में याचिका दायर कर सजा पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही याचिका में सुनवाई पूरी होने तक जेल से बाहर रहने की इजाजत मांगी गई थी जिसे अदालत ने मान लिया।

अपीलीय अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि गुप्ता पर जिला अदालत द्वारा लगाई गई अन्य शर्ते जारी रहेंगी। मैनहंट्टन की अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तारी के बाद गुप्ता पर एक करोड़ रुपये का बांड भरने, पासपोर्ट जमा करने और यात्रा संबंधी अन्य बंदिशें लगाई थीं।

अपीलीय अदालत में गुप्ता के वकील ने दलील दी कि जिला अदालत ने हेज फंड कारोबारी राजा राजरत्नम और सिंगापुर स्थित फर्म के पोर्टफोलियो मैनेजर डेविड लाउ के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के टेप को सुनवाई में शामिल करने की गलती की है। इस बातचीत में राजरत्नम ने कहा था कि उसने गोल्डमैन सैक्श के बोर्ड में शामिल एक व्यक्ति से सुना है कि बैंक को दो डॉलर प्रति शेयर का नुकसान होने वाला है। गुप्ता के वकील ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लाउ ने कभी गोल्डमैन सैक्श के शेयरों में कारोबार किया। साथ ही गुप्ता से बातचीत का कोई टेप नहीं है।

भेदिया कारोबार के इस हाइप्रोफाइल मामले में श्रीलंकाई मूल के राजरत्नम को 11 साल की सजा हो चुकी है। निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्श की गुप्त कारोबारी सूचनाएं राजरत्नम को देने के चार आरोपों में गुप्ता को दोषी ठहराया गया है। इन सूचनाओं के आधार पर राजरत्नम ने शेयर कारोबार से करोड़ों डॉलर की कमाई की।

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