अंतरिक्ष में ई-कचरा समेटेगा स्पेस-नेट

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अंतरिक्ष में तैनात सैटेलाइट के टुकड़े गिरने से होने वाले कचरे को एकत्र कर रीसाइकिल करने की एक बेहद खर्चीली लेकिन कारगर परियोजना शुरू कर दी है। 1140 लाख पाउंड (करीब 96,90,00,000 रुपये) के लागत की परियोजना के तहत एक विशालकाय स्पेस नेट बनाया जाएगा जो कि उपग्रहों से गिरने वाले मशीनी कचरे को अपने जाल में खींच लेगा। फिलहाल पूरी दुनिया में उपग्रहों को तैनात करने की होड़ के बावजूद इससे अंतरिक्ष में होने वाले ई-कचरे को रीसाइकिल करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

द डिफेंस एडवांसड रीसर्च विंग (डारपा) इस परियोजना के जरिए ना सिर्फ अंतरिक्ष में होने वाले प्रदूषण की रोकथाम करेगा बल्कि अंतरिक्ष के सैन्य अभियानों का खर्च भी अमेरिका के लिए कम करने का काम करेगा। पेंटागन ने पहले ही इस अभियान को स्पेस ग्रेव रॉबरी का नाम दे दिया है। लेकिन इस नाम की तरह यह कोई बदनीयत से किया जाने वाला काम नहीं है। अंतरिक्ष में तैनात पुराने और खराब पड़े उपग्रहों को रीसाइकिल करके उनके सलामत बचे और कीमती उपकरणों का नए सिरे से उपयोग किया जा सकेगा। अमेरिका में वर्जीनिया के अरिंगल्टन के डारपा का यह नया आइडिया बहुत कारगर साबित होने वाला है।

बड़े और छोटे उपग्रहों के नए और पुराने उपकरणों को जोड़कर नई संचार प्रणाली भी तैयार की जा सकेगी। कुल मिलाकर इस वैज्ञानिक अवधारणा के तहत अंतरिक्ष नेट पर गिरने या खिंचकर आने वाले उपग्रहों के टूटे हुए एंटीना या अन्य कलपुर्जो के अलावा बेकार पड़े उपग्रहों को भी शून्य गुरुत्वाकर्षण बल के बीच एक नया कलेवर देना होगा।

हार्वड यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट जॉनेथन मैकडावेल ने बताया कि इस परियोजना में सबसे बड़ी चुनौती यही है कि खराब पड़े उपग्रह के एंटीना को बिना तोड़े अलग करते हुए उसे सफलता पूर्वक नई संचार प्रणाली या छोटे उपग्रह से जोड़ना होगा। पेंटागन से जुड़ी एजेंसी डारपा अक्सर अपने अनूठे विचारों और योजनाओं के लिए जानी जाती है। डारपा के फीनिक्स प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रानिक वेबयुक्त विशाल यंत्र अंतरिक्ष में तैनात किया जाएगा जो शून्य में तैर रहे टूटे हुए उपकरणों को अपनी ओर खींच लेगा और अंतरिक्ष में बेकार पड़े उपग्रहों के उपयोगी यंत्रों को भी चिन्हित कर लेगा।

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