ब्रिटेन में 59 प्रतिशत भारतीय विद्यार्थी फर्जी

लंदन। ब्रिटेन में 2011 में लगभग 63,000 फर्जी विद्यार्थी पहुंचे, और कुल भारतीय विद्यार्थियों में से 59 प्रतिशत फर्जी थे। यह जानकारी एक ब्रिटिश कैम्पेन ग्रुप की एक रपट में बुधवार को कही गई है।

माइग्रेशन वाच यूके का अध्ययन, गृह विभाग की एक प्रमुख योजना के निष्कर्षो पर आधारित है। अध्ययन में कहा गया है कि सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत फर्जी विद्यार्थी म्यांमार से आए।

एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि म्यांमार के बाद भारत, बांग्लादेश और नाइजीरिया का स्थान है, जहां से 59 प्रतिशत फर्जी विद्यार्थी आए। इस प्रमुख योजना के तहत विद्यार्थी वीजा के आवेदकों की असलियत का पता लगाने के लिए साक्षात्कार किया गया। इसमें दो बातें पता करनी शामिल थीं- एक तो यह कि वे वास्तविक विद्यार्थी है या नहीं, और दूसरा यह कि क्या वे अपनी पढ़ाई के बाद स्वदेश लौटना चाहते है या नहीं।

कुल 63,000 विद्यार्थियों को विश्वसनीयता के आधार पर वीजा से इंकार किया जा सकता था। इनमें से 61 प्रतिशत निजी वित्तीय सहायता वाले कॉलेजों के लिए आवेदन कर रहे थे, 17 प्रतिशत सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के लिए और 14 प्रतिशत किसी विश्वविद्यालय के लिए। गृह विभाग ने अब एक वर्ष में 10,000 विद्यार्थियों का साक्षात्कार लेने की योजना बनाई है।

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