ब्रिटेन में महात्मा गांधी के एक दुर्लभ पत्र की 14 फरवरी को नीलामी होने जा रही है। गांधी जी ने 1943 में ब्रिटिश अधिकारियों को लिखे इस पत्र में कहा था कि उनकी नजरबंदी पर किया जा रहा खर्च व्यर्थ है। उन्होंने अपने साथ नजरबंद लोगों को रिहा करने का आग्रह भी किया था। विशेषज्ञ इस पत्र को विश्व इतिहास का एक अहम दस्तावेज बता रहे हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के आगा खान पैलेस में नजरबंदी के दौरान गांधी जी ने इस पत्र को टाइप कराने के बाद अपने दस्तखत कर उसे ब्रिटिश अधिकारियों को भेजा था। नीलामी का आयोजन करने वाले रिचर्ड वेस्टवूड-ब्रूक्स का कहना है कि इस पत्र को भारत में एक व्यक्ति से खरीदा गया था। उन्होंने इस पत्र का 13 लाख रुपये तक मिलने की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि वैसे तो गांधी के सभी पत्र अपने आप में खास हैं, लेकिन यह पत्र नजरबंदी के दौरान लिखा गया था इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।