पाक अदालत नहीं मानेगी भारत के सबूत

मुंबई आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने के भारत के प्रयासों को करारा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,पाकिस्तान सरकार ने भारत को औपचारिक रूप से सूचना दे दी है कि नई दिल्ली द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूत वहां की अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं क्योंकि बचाव पक्ष के वकीलों को भारतीय अधिकारियों से जिरह की अनुमति नहीं दी गई।

पाक गृह मंत्रालय ने भारत सरकार को सूचित कर दिया है कि लश्कर ए ताइबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत पाकिस्तान के सात संदिग्धों पर सुनवाई के दौरान ये साक्ष्य स्वीकार्य नहीं हैं। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि मार्च में पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के मुंबई दौरे के समय बचाव पक्ष के वकीलों को भारतीय अधिकारियों से सवाल-जवाब करने की अनुमति नहीं दी गई।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भारत सरकार को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने रावलपिंडी की आतंकवाद रोधी अदालत के फैसले की जानकारी दी। कहा गया है कि पाकिस्तान में साक्ष्यों को स्वीकार्य बनाने के लिए प्रमुख भारतीय अधिकारियों से सवाल-जवाब करना जरूरी है। 28 जुलाई को सुनवाई के दौरान, आतंकवाद रोधी अदालत ने दो पाकिस्तानी जांचकर्ताओं का बयान दर्ज नहीं किया, जबकि इन्हें भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य के बारे में गवाही देने के लिए तय किया गया था।

भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य
1- आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान
2- मुंबई में हमलावरों और पाक में बैठे उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत के अंश (सीडी में)
3- मृतकों शव परीक्षण और घायलों की मेडिकल रिपोर्ट
4- चार भारतीय अधिकारियों के बयान

पाक में मान्य नहीं सबूत
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय ने भारत को साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में ये सबूत कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं, जब तक कि पाक में सुनवाई का सामना कर रहे सात आरोपियों के वकीलों को भारतीय अधिकारियों से जिरह की अनुमति नहीं दी जाती है। 17 जुलाई को आतंकवाद रोधी कोर्ट के जज ने लखवी की दलील को स्वीकार कर घोषणा की थी कि न्यायिक आयोग का निष्कर्ष ‘कमजोर और निरर्थक’ है।

भारत दे सकता है जिरह की अनुमति
नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि वह मुंबई आतंकी हमले के लिए गठित पाकिस्तानी न्यायिक आयोग को गवाहों से जिरह की अनुमति दे सकता है। गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि इसलामाबाद के इस तरह के अनुरोध पर नई दिल्ली विचार कर सकती है। भारत मुंबई हमले में शामिल अपराधियों को सजा दिलाना चाहता है जो अब पाकिस्तान में हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त से सरकार से संपर्क करने का अनुरोध किया था कि उनसे पूछें कि वे किस तरह आगे बढ़ना चाहते हैं। अगर वे सूचना भेजते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे।’ सिंह ने पत्रकारों से कहा कि सूचना मिलने पर हम अपनी कानूनी टीम से मशविरा लेंगे कि क्या संभव है क्या नहीं।

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