भारतीय लेखिका झुम्पा लाहिड़ी बुकर पुरस्कार सूची में शामिल

1194लन्दन / भारतीय अमेरिकी लेखिका झुम्पा लाहिड़ी का उपन्यास दी लोलैंड इस वर्ष के मैन बुकर पुरस्कार की सूची में शामिल 13 उपन्यासों में से प्रमुख दावेदार बनकर उभरा है। लंदन में पैदा हुई लाहिड़ी का पारिवारिक संबंधों को बुनती कहानी पर आधारित उपन्यास 50 हजार पाउंड की पुरस्कार राशि की दौड़ में शामिल हो गया है जिसमें इस बार कई गुमनाम और कम जाने माने लेखकों की रचनाएं भी शामिल हैं। दी लोलैंड की कहानी भारत और अमेरिका को आधार बनाकर बुनी गई है और इसका प्रकाशन सितंबर में होगा। लंदन के साहित्यिक गलियारों में इसे आसान और प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। 1967 में लंदन में पैदा हुई और न्यूयार्क में रह रहीं लाहिड़ी पश्चिमी बंगाल से ब्रिटेन आए एक भारतीय प्रवासी की बेटी हैं। उन्होंने वर्ष 2000 में पुलित्जर पुरस्कार जीता था जो उन्हें उनके पहले कहानी संग्रह इंटरप्रेटर आफ मलाडीज और पहले उपन्यास द नेमसेक के लिए मिला था। साहित्यिक एजेंसी कर्टिस ब्राउन के संयुक्त कार्यकारी प्रमुख जोनी गेलेर ने कहा कि ये उपन्यास जिंदगी , गति और अलग अलग दुनियाओं के बारे में हैं।

कुछ बड़े नामों की गैर मौजूदगी कोई मुद्दा नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण बात यह है कि बहुत से नए नामों को शामिल किया गया है और यही बात रोमांचक है।

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