भजन संध्या आयोजकों पर उठे सवाल

भजन सम्राट विनोद अग्रवाल की मयखाना ए कृष्ण संगमकारणी नामक भजन संध्या आयोजन स्थल जवाहर रंगमंच के खचाखच भर जाने के कारण बेशक कामयाब मानी जा रही है, मगर कानाफूसी है कि वहां हुई अव्यवस्था के लिए कहीं न कहीं आयोजक जिम्मेदार हैं। अव्वल तो कार्यक्रम में प्रवेश जब था ही प्रवेश पत्र के आधार पर तो आठ सौ सीटों की क्षमता वाले जवाहर रंगमंच पर एक हजार से ज्यादा लोग कैसे पहुंच गए। हालत ये हो गई कि बिना प्रवेश पत्र वाले तो कई लोग अंदर घुस गए, जबकि प्रवेश पत्र वाले बाहर ही धक्के खाते रहे। जाहिर है या तो निर्धारित सीटों से ज्यादा प्रवेश पत्र बांटे गए या फिर लोग विनोद अग्रवाल का क्रेज होने के कारण वहां पहुंच गए। कानाफूसी है कि आयोजकों ने एक हजार दो सौ प्रवेश पत्र छपवाए थे। यदि यह मान भी लिया जाए कि आयोजकों ने सीटों जितने ही प्रवेश पत्र बांटे तो इतनी भीड़ जमा होने की एक मात्र वजह ये है कि आयोजकों ने अखबारों के जरिए कार्यक्रम का प्रचार किया। यदि आयोजकों को केवल प्रवेश पत्र धारियों को ही बुलाना था तो उसका प्रचार अखबारों के जरिए करना ही नहीं था। सोचने वाली बात है कि जब आप विनोद अग्रवाल जैसी शख्सियत के कार्यक्रम का प्रचार करेंगे तो लोग बिन बुलाए ही चले आएंगे, भले ही आप यह सूचना जारी करें कि प्रवेश मात्र पास के जरिए ही होगा। एक राय ये भी उभर कर आई है कि विनोद अग्रवाल जैसे प्रसिद्ध गायक का कार्यक्रम करने के लिए स्थान के रूप में जवाहर रंगमंच का चयन करना गलत निर्णय था।

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