मोदी जी को एक दलित का खुला पत्र

modiमोदी जी,
दलित समाज की ओर से सात सात जुत्तम लात
आपने आज दलित समाज के साथ एक और खेल खेलने की और
दलित समाज को अपमानित करने की कोशिश की है.
अब हम मुद्दे पर आते हैं.
प्रियंका गांधी ने आपकी नीच और घटिया हरकतों के बारे
मैं बोला था, आप की जाती के बारे मैं नहीं. लेकिन आपने
अपनी गन्दी और घिनौनी हरकत तो नहीं सुधारी लेकिन
एक और घिनौनी हरकत कर के दलित समाज का अपमान
किया. इतना पाखण्ड और इतना बनावटीपन से शर्म
नहीं आती आपको? बहरूपियों के तरह जगह बदलते
ही अपना मुखौटा बदल देते हो. देश की जनता को आपने
बिलकुल उल्लू समझ रखा है.
आप की हरकतें नीच है. आप की जाती नीची नहीं है. आप
नीची जाती के कैसे हो सकते हो .
– आप राजनीति मैं पिछले २० साल से हैं. अगर आप
नीची जाती के होते तो पहले भी लोगो को बताते के आप
नीची जाती के हैं. गुजरात इलेक्शन में तो आपने
कभी नहीं बताया के आप नीची जाती के हैं. उत्तर प्रदेश के
दलित आबादी को देख
कर अपनी जाती कैसे याद आ गयी?
– आप अगर नीची जाती के होते तो गुजरात के दंगे मैं सिर्फ
दलित युवाओं को फांसी क्यों होती? जैसे अमित शाह और
अपने बाकी साथिओ को बचाया वैसे ही उन्हें
भी बचा लेते. आपने अपनी गर्दन बचाने के लिए दलित युवाओं
को बलि का बकरा बना दिया. अगर आप दलित होते
तो दलित समाज के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं करते.
– अगर आप नीची जाती के होते तो गुजरात के दलित समाज
का इतना बुरा हाल क्यों होता. गुजरात के दलित समाज
का 40 % बच्चा कुपोषण का शिकार नहीं होता . गुजरात
के 70% दलित शिक्षा को नहीं तरस रहे होते और 40 लाख
दलित रोज़ 11 रूपये कमाने में असमर्थ न होते. यह सब उस
गुजरात में जहाँ मुनाफाखोर पूंजीपति हर रोज़ करोड़ो रूपये
बनाते हैं.
– नहीं मोदी जी आप दलित नहीं हो सकते हैं. अगर आप
दलित होते तो बीजेपी मैं दलितों को सम्मान ज़रूर देते.
बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान न होने देते. बीजेपी और
आरएसएस के ऑफिस मैं बाबा साहेब के फोटो पर लगे प्रतबंध
को ज़रूर हटा देते.
– आप तो इतना बोलते हैं, हर मुद्दे पर बोलते हैं. अगर आप
दलित होते तो रामदेव ने जब दलित बहु बेटियों पर
इतना अपमानजनक टिप्पणी किया था तो आप
उसकी भर्त्सना किये बिना नहीं रह पाते.
– अगर आप दलित होते तो गुजरात मैं दलितों को टिकट ज़रूर
देते और कोई दलित गुजरात सरकार का मंत्री ज़रूर होता.
अगर आप दलित होते तो लोकसभा चुनाव मैं
दलितों को भी टिकट देते.
– नहीं मोदी जी आप दलित नहीं हो सकते. अगर आप दलित
होते तो वाराणसी मैं किसी दलित से भी ज़रूर मिलते.
वाराणसी मैं आप सिर्फ पोंगा पंडितो से घिरे नहीं रहते.
कुछ समय दलितों से मिलने के लिए भी ज़रूर निकाल लेते. सच
तो यह है के आप दलित के हाथ से पानी तक नहीं पीते हैं.
किसी दलित से हाथ तक नहीं मिलाते हैं.
आप नीची जाती के नहीं हैं. आप नीच हैं. आप नीच और
घटिया हरकते करते हैं. आप झूठ, फरेब, पाखण्ड और नीचता के
भरोसे सत्ता हासिल करना चाहते हैं. आप देश
की जनता को मुर्ख बना कर सत्ता का भोग करना चाहते
हैं. आप दलित नहीं हो सकते. आप की नीची और
ओछी हरकतें देश को बदनाम और और बर्बाद कर रहा है. आप
सत्ता के लोभ में किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं.
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