राजनैतिक दलों के दिग्गजों पर लगी निगाहें

-डा. लक्ष्मीनारायण वैष्णव- यूं तो देश ही नहीं विश्व के अनेक देशों की नजरें देश में होने जा रहे लोकसभा के आम चुनावों पर टिकीं है। चाय पान की दुकानों से लेकर गलियों गलियारों तथा चारों ओर कयासों और चर्चाओं के बाजार में गर्मी छायी हुई है। परन्तु देश के कुछ संससदीय क्षेत्र एैसे हैं जिन पर सबकी नजरें हैं जिन पर राजनैतिक दलों के कदवर नेता अपने भाग्य को आजमा रहे हैं। एैसे क्षेत्रों की संख्या लगभग दो दर्जन के करीब बतलायी जाती है वहीं मध्यप्रदेश में भी कुछ चर्चित सीटों पर लोगों की नजरें लगी हुई है। राजनीति के जानकारों की माने तो यह प्रथम अवसर है जब सीधे प्रधानमंत्री के रूप में किसी नेता के नाम पर जनता में उसके नाम के पीछे दीवानी दिख रही हो । हाल ही में हुये सर्वे के परिणामों पर नजर डालें तो अगर सीधे चुनाव प्रधानमंत्री पद के लिये हो जाये तो नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से कोई रोक नहीं सकता। वहीं दूसरी ओर विभिन्न प्रकार के सर्वे के अनुसार एनडीए पूर्ण बहुमत के काफी नजदीक पहुंच चुका है। वहीं यूपीए समस्त सर्वे को एकदम निराधार बतलाते हुये पुन: सत्ता में वापिसी की बात कर रहा है तो तीसरे मोर्चे के स्वप्र देखने वाले अपनी सरकार बनने के दावे कर रहे हैं।

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

बात करें भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रस्तुत प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तो यह देश के दूसरे एैसे नेता बतलाये जा रहे हैं जो एक साथ दो क्षेत्रों में ताल ठोक रहे हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी दो जगहों से चुनाव लडा था वहीं 16 वीं लोकसभा के आम चुनाव में नरेन्द्र मोदी गुजरात की बडोदरा के साथ उत्तरप्रदेश की वाराणसी से मैदान में हैं। हालांकि अटल बिहारी बाजपेयी ने भी एक साथ दो जगहों से चुनाव लडा था परन्तु उनको उस समय पार्टी ने अपना प्रधानमंत्री पद के लिये उम्मीदवार घोषित नहीं किया था।
कहां कौन किसके आमने-सामने 
देश की चर्चित संसदीय क्षेत्रों में से कुछ पर नजर डालने का प्रयास किया गया है जहां राजनैतिक दलों के दिग्गज मैदान में अपना दम दिखला रहे हैं। दावों वादों के साथ आरोप प्रत्यारोंपो का दौर जारी है मतदाता को अपने पक्ष में करने के लिये हर संभव प्रयास राजनैतिक दल और उनके नेता करने में लगे देखे जा सकते हैं। देश के लोगों की नजरों में निम्र सीटें अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं जो राजनीति के इन माहिर खिलाडियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे।
वाराणसी -बडोदरा
modiयह उन चर्चित सीटों में सबसे उपर मानी जा रही है जिस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं कारण साफ है इस पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिये घोषित उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी मैदान में हैं । इस सीट पर इनके विरूद्ध देखा जाये तो समस्त राजनैतिक दलों के नेता लाम बंध देखे जा रहे हैं। यहां से  विजय प्रकाश जायसवाल (बसपा), कैलाश चौरसिया (सपा) जबकि कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी विचारों में डूबे हैं कि किसको उतारा जाये। विदित हो कि यहां का लोकसभा में प्रतिनिधित्व भाजपा के मुरली मनोहर जोशी कर रहे थे । श्री मोदी के बाद वह अब कानपुर से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं बडोरदरा से श्री मोदी के सामने कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री हैं।
रायबरेली :-
soniya gandhiचर्चित सीटों में दूसरा नाम रायबरेली का बतलाया जा रहा है जहां से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी मैदान में हैं। ज्ञात हो कि यह संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ माना जाता है जहां से श्रीमती इंदिरा गांधी ने लगातार विजय प्राप्त की। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी ने यहां से चुनावी शुरूआत की थी तब से लेकर लगभग 13 बार कांग्रेस की झोली में यह सीट रही है। विदित हो कि रायबरेली में श्रीमती इंदिरा गांधी को पराजय का स्वाद भी चखना पडा था। जहां राजनारायण ने इनको पराजित किया था। यह वही राजनारायण हैं जिन्होने इंदिरा गांधी को न्यायालय में पराजित किया था और परिणाम स्वरूप इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था। 1977 में जनता पार्टी ने यह सीट श्रीमती गंाधी से छीन ली थी।
मथुरा :-
hema-maliniइस में एक नाम मथुरा का भी आता है जहां से स्वप्र सुंदरी के नाम से रूपहले पर्दे पर कडोरो लोगों के दिलों में राज करने वाली तथा भारतीय जनता पार्टी की नेता हेमा मालनी चुनावी समर में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनका मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी एवं बहुजन समाज पार्टी के योगेश कुमार द्विवेदी से है। ज्ञात हो कि हेमा इसके पूर्व राज्य सभा की सदस्य थीं।

अमेठी : –
Rahul gandhiचर्चित सीटों में एक नाम अमेठी का भी है जहां से कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं जबकि इनके विरूद्ध आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने मोर्चा खोल रखा है। साथ में बहुजन पार्टी के धर्मेन्द्रसिंह भी टक्कर दे रहे हैं। वैसे कांग्रेस इसको अपने लिये एकदम सुरक्षित मानकर चलती है पूर्व में राजीव गांधी,श्रीमती सोनिया गांधी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विदित हो कि 1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात् सहानुभूति की लहर में राजीव गांधी को विजय मिली थी। राजनैतिक जानकारों की माने तो इस सीट से संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी ने दावेदारी प्रस्तुत की थी। 1980 में संजय गांधी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके थे उनकी मौत के बाद इंदिरा गांधी ने राजीव को यह सीट सौंपी थी, जबकि संजय की पत्नी के रूप में मेनका अमेठी पर अपना उत्तराधिकार मानती थीं। परन्तु राजीव गांधी के समक्ष उनकी चुनौती नगण्य साबित हुई।
लखनऊ : –
rajnathदेश भर के लोगों की जिन सीटों पर निगाहें है उनमें लखनऊ का नाम भी है जहां से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथसिंह मैदान में हैं जबकि उनके सामने हैं कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी, बहुजन पार्टी के नकुल दुबे एवं समाजवादी पार्टी के विजय प्रताप सिंह आमने सामने हैं।  पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को 5 बार भारी मतों से विजयी बनाकर संसद में भेजने वाली लखनऊ संसदीय क्षेत्र को सुरक्षित मानते हुयेश्री सिंह ने इसको कर्म भूमि बनाने का निश्चिय किया। यहां का प्रतिनिधित्व लोकसभा में लालजी टंडन कर रहे थे जो कि इसे छोडऩा नहीं चाहते थे।
चांदनी चौक :-
kapil sibbalदेश की राजधानी का चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र भी चर्चाओं में है यहां से कांग्रेस द्वारा कपिल सिब्बल को उतारा है। जिनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के डा.हर्षवर्धन से है वहीं आम आदमी पार्टी के आशुतोष भी समीकरण बनाने एवं बिगाडने में लगे हुये हैं। विदित हो कि चांदनी चौक सीट पर 9 बार कांग्रेस , 4 बार भाजपा ,1 बार जनसंघ तथा 1 बार जनता पार्टी के पास रही है।
झांसी : –
Uma bhartiसम्पूर्ण देश की चुनिंदा संसदीय क्षेत्रों में झांसी का नाम भी सम्मिलित है जहां से भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचानी जानी वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमाभारती मैदान में हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप जैन एवं समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह से है।

नागपुर :-
nitin gadkariनागपुर क्षेत्र के परिणामों पर भी नजर लोगों की लगी हुई है जहां से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी मैदान में हैं इनके सामने हैं कांग्रेस के मुत्तेमवार तथा आम आदमी पार्टी के  अंजलि दमानिया हैं। इतिहास पर नजर डालें तो यहां से गत 15 चुनावों में से 12 बार यहां से कांग्रेस ैने विजय श्री का वरण किया है जबकि एक-एक बार निर्दलीय तथा बार फॉरवर्ड ब्लॉक तथा भाजपा को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
बेंगलुरु दक्षिण :- 
नजरें जमी रहने वाले क्षेत्र में बेंगलूर दक्षिण का नाम भी बतलाया जा रहा है। कर्नाटक राज्य की इस हाईप्रोफाइल सीट पर सबकी नजर लगी हुई है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने  अनंत कुमार को मैदान में यहां से उतारा है जबकि कांग्रेस ने नंदन निलेकणी को टिकट दिया है। विदित हो कि अनंत कुमार  ने 2009 में कांग्रेस के कृष्ण बायरे गौड़ा को 37 हजार वोटों से पराजित किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार नंदन निलेकणी हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता प्राप्त की है वह प्रथम बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। ज्ञात हो कि  इंफोसिस के संस्थापक सदस्यों में से एक निलेकणी के ‘आधारÓ पर केंद्र सरकार की मनरेगा समेत कई योजनाएं चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर देखें तो 8 विधानसभा क्षेत्रों में बंटी इस सीट पर 1996 से ही भाजपा का ही दबदबा माना जाता है। अनंत कुमार यहां से 5 बार चुनाव जीत चुके हैं।
पटना साहिब :-
shatrughan-sinha-bypass (1)चर्चित सीटों में पटना साहिब का  नाम भी आता है जहां से रूपहले पर्दे के शाटगन एवं भाजपा के नेता शत्रुद्यन सिंन्हा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनके सामने हैं गत चुनाव में राजद के विजय  भोजपुरी स्टार कुणाल सिंह है। ज्ञात हो कि कांग्रेस उम्मीदवार शेखर सुमन 2009 के चुनावों में तीसरे स्थान पर पहुंच गये थे।
टोंक-सवाई माधोपुर :-
ajruddin khanराजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर भी खूब चर्चाओं में बनी हुई है यहां से कांग्रेस ने क्रिकेट के मैदान में अपने खेल का जादू बिखेरने वाले अजहरुद्दीन को जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सुखवीर सिंह जोनपुरिया को उतारा है। विदित हो कि गत 2009 में इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा था। उस समय नमोनारायण मीणा ने दिग्गज गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैसला को पराजित किया था। अब इस समय  अजहर के सामने बड़ी चुनौती मोदी लहर के बीच इस सीट को बचाए रखने की है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सुखवीर सिंह जोनपुरिया जैसे नये चेहरे को यहां से प्रस्तुत किया है।
जयपुर ग्रामीण :-
cp joshiराजस्थान की जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र भी चर्चाओं के घेरे में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जहां निशानेबाजी में ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धनसिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने वर्तमान सांसद लालचंद कटारिया की जगह र रेलमंत्री और राहुल ब्रिगेड के प्रमुख सदस्यों में से एक सीपी जोशी को चुनावी समर मेें सेनापति बनाया है।
बागपत :-
ajit singhबागपत भी चर्चित संसदीय क्षेत्र में से एक मानी जा रही है यहां से  यूपीए-2 में मंत्री चौधरी अजीतसिंह अपनी परंपरागत तथा जाट बहुल क्षेत्र बागपत से पुन: अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। ज्ञात हो कि कांग्रेस के साथ गठजोड़ बंधन बतलाया जाता है। विदित हो कि बागपत से  6 बार सांसद रहे श्री सिंह ने गत चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी के मुकेश शर्मा को पराजित किया था। परन्तु इस बार भारतीय जनता पार्टी ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। सूत्र बतलाते हैं कि लंबे समय तक बाहर रहे सत्यपाल इसी इलाके से आते जाते रहे हैं।
गाजियाबाद :-
VK singगाजियाबाद भी उस क्षेत्र में सम्मिलित है जिस पर लोगों की नजर है । भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को तो कांग्रेस ने अभिनेता से नेता बने राज बब्बर को मैदान में उतारा है। वहीं आम आदमी पार्टी की शाजिया इल्मी भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं। सूत्र बतलाते हैं कि बसपा और सपा उम्मीदवार भी इस सीट के परिणाम को रोचक बना सकते हैं।
चंडीगढ़ :-
pavan bansal 2चर्चाओं में रहने वाला क्षेत्र चंडीगढ भी माना जा रहा है जहां से कांग्रेस ने यूपीए में रेलमंत्री रहे पवन बसंल को तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अभिनेत्री किरण खेर को जबकि आम आदमी पार्टी ने गुल पनाग को मैदान में उतारा है। तीनों के बीच मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

विदिशा : –
sushmaमध्यप्रदेश की विदिशा क्षेत्र को भारतीय जनता पार्टी का गढ माना जाता है  इस सीट पर भी लोगों की नजरें लगी हुई हैं। यहां से नेता प्रतिपक्ष एवं यहीं से सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री के भाई लक्ष्मण सिंह को मैदान में उतारा है। विदित हो कि  अब तक के चुनाव परिणामों में 14 में से 12 बार भाजपा (2 बार जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी) ने कब्जा जमाया है।  2 बार 1980 और 1989 में कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा विजयी हुये थे।
दमोह-
prhlaad_patel-2भारतीय जनता पार्टी के गढ के रूप में पहचानी जाने वाली दमोह संसदीय क्षेत्र पर भी इन दिनो लोगो की नजरें लगी हैं। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल को तो कांग्रेस महेन्द्र प्रताप सिंह को एवं हाल ही में कांगे्रस से आप में सम्मिलित हुये आम आदमी पार्टी ने संतोष भारती को मैदान में उतारा है। प्रदेश के दो कदवर मंत्रियों वाला यह क्षेत्र भी इन दिनो चर्चाओं में बना हुआ है।
कानपुर :-
murli manohar joshiकानपुर संसदीय क्षेत्र की ओर नजर डालें तो कदवर नेताओं के चलते यहां भी लोगों की नजरें लगी है।  यहां से भारतीय जनता पार्टी के मुरली मनोहर जोशी,कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल आमने सामने हैं। विदित हो कि यहां का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है। पहला चुनाव प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीता।  4 बार निर्दलीय प्रत्याशी तथा 1977 में जनता लहर के दौरान जनता पार्टी ने कब्जा जमाया। 1980 में प्रथम  बार कांग्रेस को विजय मिली थी।
मुंबई उत्तर-मध्य :-
poonamनजर डालें मुंबई उत्तर-मध्य संसदीय क्षेत्र पर तो यहां से पूर्व सांसद अभिनेता सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त तो भाजपा ने पूर्व दिग्गज स्व. प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन को मैदान में उतारा है। दोनो का अपना स्थान है दोनो ही कदवर नेताओं की पुत्रियां है।

पाटलीपुत्र :-

मीसा भारती
मीसा भारती

अब नजर डालें देश की एक और संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र पर जहां से आरजेडी के सुप्रीमों लालू ्रयादव ने अपनी पुत्री मीसा भारती को उतारा है। विदित हो कि 2009 के लोकसभा चुनाव से ही अस्तित्व में आई बिहार की पाटलीपुत्र सीट से गत स्वयं हार गये थे।  इनको जनता दल (यू) के रंजन प्रसाद यादव ने पराजित किया था। इस क्षेत्र में लालू की राह में कांटे ही कांटे देखे जा रहे हैं मीसा के टिकिट के मामले में उनके वरिष्ठ सहयोगी रहे रामकृपाल ने पार्टी छोड़कर भाजपा की शरण में आ गये हैं।
मैनपुरी-
चर्चाओं में जो क्षेत्र हैं उनमें उत्तर प्रदेश की मैनपुरी का भी नाम सामने आता है जहां से गत 6 लोकसभा चुनाव से सपा को जिताने वाली सीट मैनपुरी से एक बार फिर मुलायम पुन: मैदान में है। दो जगहों से मैदान में उतरे मुलाम ने मोदी के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से इस बार उन्होंने आजमगढ़ से भी ताल ठोक रहे हैं।

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