देवनानी व भदेल हों और पंगा न हो…..

भला ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी सरकारी कार्यक्रम में अजमेर के भाजपा विधायक द्वय प्रो. वासुदेव देवनानी व श्रीमती अनिता भदेल हों और पंगा न हो। संभव है दोनों के मकसद वाजिब हों, मगर पिछले अनुभव बताते हैं कि वे जिस भी सरकारी कार्यक्रम में जाते हैं, किसी न किसी बहाने अपनी उपस्थिति रेखांकित जरूर करवा के आते हैं। सेंट्रलाइज किचन के शुभारंभ समारोह में भी ऐसा ही हुआ। वहां मात्र शिलापट्ट पर नाम और अतिथि के रूप में बुलाने को लेकर ही नाटक हो गया। देवनानी का कहना था कि पूर्व न्यास सदर धर्मेश जैन ने किचन के लिए 40 लाख रुपए दिए, मगर उनका नाम शिलापट्ट पर लिखना तो दूर उन्हें आने का न्यौता तक नहीं दिया गया। वे जैन की पैरवी ऐसे कर रहे थे मानो जैन ने अपनी जेब से 40 लाख दिए हों। हां, देवनानी व श्रीमती भदेल की इस बात में जरूर दम था कि सिर्फ शुभारंभ के इंतजार में किचन का शुरू न होना ठीक नहीं है।
खैर, समारोह में हुई किच किच पर शहर में कानाफूसी है कि दोनों भाजपा विधायकों ने यह सूत्र पकड़ लिया है कि हंगामा करेंगे तो ही अखबारों में नाम सुर्खियों में आएगा। सो जब भी मौका मिलता है, चूकते नहीं हैं। किचन शुभारंभ समारोह के कवरेज का भी यही हाल हुआ। जितना पंचायती राज मंत्री महेन्द्र सिंह मालवीय और समारोह का कवरेज नहीं आया, उससे कहीं ज्यादा किच किच को सुर्खियां मिलीं। वैसे दोनों विधायकों को ऐसा करना वाजिब भी है। आखिर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी तलवार की धार तेज तो करनी है। और अगर दोनों में कंपीटीशन हो तो बात ही कुछ और हो जाती है।

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