क्या पुष्कर भी कभी हो पायेगा सूअर मुक्त …

pushkar 21आजकल पुष्कर में आवारा सुअरो का बड़ाआतंक है जहाँ देखो जिधर देखो आपको चारो और चाहे व्यस्त बस्ती हो या सावित्री पहाड़ी की तलहटी में सुनसान जगह यह प्राणी स्वछन्द रूप से विचरण करता हुआ पाया जा सकता है । पुष्कर सूअर पालकों की पसंद बन गया है । यह सूअर भी किसी न किसी सूअर पालक के है जो की इन्हें अजमेर के सूअर पालक तथा पुष्कर के सूअर पालक इन्हें स्वछन्द रूप से विचरण हेतु छोड़ देते है और यह जहाँ भी इनके उदरपूर्ति का जुगाड़ दीखता है वहां झुण्ड में दिखाई दे सकते है । कभी -कभी तो यह लोगो के घरो के अंदर तक घुस जाते हे और आमजन को भी नुकसान पहुचाने लगे है । पुष्कर में यह समस्या आज की नहीं है , बहुत पुरानी समस्या है मगर आज तक इसका निदान ढूंढ पाना बहुत मुश्किल कामो में से मानो एक काम सा लगने लगा है यह समस्या एक प्रकार से नासूर बन गयी है ,हो भी क्यों नहीं जब की इसमें कुछ पुष्कर के सूअर पालको के है तो कुछ में इनकी सहभागिता है बाकि रहे इन प्राणियो के पालको को यहाँ के कर्मचारियों की सह जो है वो कुछ करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते है या तो उनमे हिम्मत है ही नहीं या इनके पालको को देखकर उनकी हिम्मत भी जबाब दे जाती है । कई बार तो यह प्राणी आम रास्ते से गुजर रहे राहगीर को भी जख्मी कर देते है मगर कोई निदान नहीं । प्रायः देखा गया की यह प्राणी जब गंदगी के पास झुंडों में जब देखा जाता है तो यहाँ सात समंदर पार से आये विदेशी सैलानियों के लिए मानो कोतूहल सा लगता है और वो इनके छायाचित्र अपने केमरो मै ऐसे कैद करते है जेसे पुष्कर में गए तो यहाँ यह देखने को मिला तब हमें शर्म सी महसूस होती है मगर करे भी तो क्या ?
अब सबकी सरकार से लोगो को उम्मीद है इस पुष्कर की समस्या का निदान जल्द ही करके आमजन को राहत दिलवाएगी ।।

एक पुष्करवासी

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