देवनानी को मिला जमीन मजबूत करने का मौका

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी
राजस्थान सरकार के शिक्षामंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी को पिछले दिनों मिले धमकी भरे पत्र के पीछे किसकी साजिश थी, इसका खुलासा तो पुलिस कर ही लेगी, मगर कानाफूसी है कि इस मसले को लेकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी जमीन मजबूत करने का मौका मिल गया है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वे एक राष्ट्रवादी हैं और जहां भी आतंकियों के नाम पर जगहों के नाम होंगे, वे उन्हें बदलने की कोशिश करेंगे। ऐसा करके उन्होंने एक ओर तो संघ विचारधारा को पोषित कर उसका वरदहस्त बरकरार रखने की कोशिश की है, तो साथ ही धरातल पर वोटों का धु्रवीकरण करने पर उनकी गहरी नजर है। जब उन्होंने अकबर के किले का नाम अजमेर का किला करने को कहा तो स्वाभाविक रूप से उनका मकसद संघ की मंशा पूरी करना था। इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि वामपंथियों ने भारत के इतिहास को तबाह किया है। इतिहास में अब तक कहा जाता रहा है कि अकबर महान था लेकिन रिसर्च में यह साबित होता है कि महाराणा प्रताप महान थे। यह एक संयोग ही है कि अकबर के किले के मसले पर उनको धमकी भरा पत्र मिल गया। ऐसे में उन्हें एक बार फिर अकबर की बजाय महाराणा प्रताप को महान बताने का मौका मिल गया। कुल मिला कर उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की है कि वे पक्के संघनिष्ठ हैं। इसके एवज में आगामी विधानसभा चुनाव में उनके टिकट को लेकर संघ भी पूरा साथ देगा। जाहिर तौर पर उनकी नजर बहुसंख्यक हिंदू वोटों पर भी है, जो कि टिकट मिलने पर जीतने के लिए जरूरी हैं।

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