सांसद नारायण पंचारिया होंगे भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष?

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार छः दिनों के असमंजस के बाद आखिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर सहमति बन गयी है। राजस्थान से राज्यसभा में सांसद एवं मुख्य सचेतक नारायण लाल पंचारिया को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी जा रही है। पेशे से वकील पंचारिया ब्राह्मण समाज से आते हैं और चार वर्ष पूर्व राज्यसभा में भेजे गए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में पंचारिया के चयन की मुख्य वजह उनकी संघनिष्ठ एवं बेदाग छवि, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री से बेहतर तालमेल के साथ ही आम कार्यकर्ता से जुड़ाव व संगठन क्षमता बतायी जा रहा है।

*संघ से जुड़ाव* – 64 वर्षीय पंचारिया बचपन से ही आर. एस. एस. के स्वयं सेवक रहे हैं, इसके साथ ही लंबे समय तक संघ की शैक्षिक शाखा विद्या भारती से जुड़े रहे व इमरजेंसी में जेल भी जा चुके हैं।

*पार्टी में लंबा अनुभव -* पूर्व में 14 वर्षों तक जोधपुर जिले के शहर भाजपा संगठन मंत्री रहने के बाद वसुंधरा सरकार के समय 2004 में जोधपुर शहर जिले के जिलाध्यक्ष का पद संभाल चुके पंचारिया को 2014 में राज्य सभा में भेजा गया।
अपने लंबे राजनैतिक जीवन में पंचारिया की छवि बेदाग रही है, आम कार्यकर्ता से सीधा जुड़ाव व सादगी के कारण सदैव सर्वमान्य रहे पंचारिया कभी किसी गुटबाजी में नही रहे। राजस्थान भाजपा के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ में प्रभारी रहे हैं, प्रदेश भाजपा में महामंत्री, भाजपा के सदस्यता अभियान के प्रदेश संयोजक, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रदेश संयोजक के साथ ही राज्य सभा मे सचेतक भी रह चुके हैं।

चुनावी वर्ष में पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा की कमान संगठन से जुड़े किसी ऐसे व्यक्ति को सौंपना चाहता था जो केंद्र एवं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ बेहतर तालमेल बिठा सके। जातिगत समीकरण साधना भी एक बड़ी चुनौती था। प्रदेश में 20 प्रतिशत ब्राह्मणों के वोट हासिल करने के साथ ही ब्राह्मण वर्ग की सभी जातियों में पकड़ को भी मद्धे नजर रखा गया है।

*सोशियल मीडिया पर लोकप्रिय -* पंचारिया सोशियल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और फेस बुक पर चार लाख से अधिक फॉलोवर के साथ मुख्यमंत्री के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं में प्रमुख हैं।

*भाजपा के असंतुष्टों को साधना -* घनश्याम तिवाड़ी खेमे में सेंध लगाने की दृष्टि से भी भाजपा को किसी ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी। ब्राह्मण समाज की जाट समुदाय में स्वीकार्यता के साथ ही पंचारिया के जाट समाज के प्रमुख नेताओं से सौहार्दपूर्ण संबंधों को बेनीवाल की घर वापसी से भी जोड़कर देखा गया है।

*मुख्यमंत्री ने दी हरी झंडी -* बताया जा रहा है कि पंचारिया के नाम पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी सहमत हैं और उनकी सहमति के बाद केंद्र ने भी उनके नाम पर अपनी मुहर लगा दी है।

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