आखिर क्या हो रहा हे नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र की पीसांगन प स क्षेत्र में

*तो क्या पीसांगन प्रधान दिलीप पचार के बाद मांगलियावास सरपंच सीमा चौधरी के खिलाफ शुरू हो रहा हे कोई राजनेतिक षड्यंत्र*

कभी पीसांगन के यसस्वी प्रधान के खिलाफ राजनेतिक षड्यंत्र कर अविश्वास तो कभी सरपंचो का कर्मचारियों के प्रति खुला विरोध।
शायद इसी आपसी विरोध के कारण पीसांगन प्रधान के खिलाफ अविस्वास प्रस्ताव का रचा था षड्यंत्र।।
तो क्या अब मांगलियावास सरपंच सीमा चौधरी की बारी तो नही।।
कही अजमेर के दिग्वँत सांसद नेता स्व सांवरलाल जाट के सर्मथकों के खिलाफ कोई राजनेतिक षड्यंत्र तो नही।
एक के बाद एक को बनाया जा रहा हे निशाना।।

अजमेर जिले की पीसांगन प स हमेशा से ही राजनेतिक गैलियारियो में चर्चाओ का विषय रही हे।हाल ही में पीसांगन के तत्कालीन प्रधान के खिलाफ हुए राजनेतिक षड्यंत्र से जाट समाज में पहले से ही भारी आक्रोश हे।जिसके बाद दिग्वँत सांसद के कट्टर समर्थको के खिलाफ राजनेतिक षड्यंत्र रचा जा रहा।आश्चर्य की बात तो यह हे कि जाट समाज के खिलाफ हुए इस राजनेतिक षड्यंत्र का मामला अभी ठंडा हुआ ही नही कि क्षेत्र के ही भाजपा समर्थक सरपंच के खिलाफ राजनेतिक षड्यंत्र की शुरुवात हो चुकी हे।क्यू कि19 जून 2018 को शौचालय प्रकरण के नाम से मशहूर ग्राम पंचायत कालेसरा ग्राम विकास अधिकारी शिवराज चौधरी को मांगलियावास ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था चुकी पूर्व में चौधरी के पास राजगढ़ ग्राम पंचायत का चार्ज था।जिसके बाद पीसांगन विकास अधिकारी के आदेश के बाद मांगलियावास ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी का कार्यभार सौपा गया।

*मांगलियावास सरपंच सीमा चौधरी की अनुपस्तिथि में ग्राम विकास अधिकारी और एलडीसी ने किया कार्यभार ग्रहण*
विकास अधिकारी पीसांगन के जारी आदेश के बाद ग्रामसेवक और जेठाना एलडीसी सम्पू चौधरी ने मांगलियावास सरपंच सीमा चौधरी की अनुपस्तिथि में ही कार्यभार ग्रहण कर लिया गया।
चुकी पंचायती राज के नए आदेशानुसार ग्राम पंचायत के कनिष्ठ लिपिक सरपंच के अधीन होंगे।परंतु बिना सरपंच की अनुमति के कार्यभार ग्रहण करना भी सवालिया निशान और सरपंच के विरोध राजनेतिक षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा हे।।जानकारी में यह बात भी पता चली हे कि ग्राम विकास अधिकारी और ldc दोनों दो वर्ष पूर्व भी इसी ग्राम पंचायत में एक साथ कार्यरत थे।हाल ही मे भी दोनों का एक साथ मांगलियावास तबादला भी राजनेतिक गैलियारियो में चर्चा का विषय बना हुआ हे।
*नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र के नेताओ को करना होगा तत्काल हस्तक्षेप*
पीसांगन प स क्षेत्र में हाल ही का राजनेतिक षडंयन्त्र के पूर्ण रूप से धमने से पूर्व एक ओर राजनेतिक षड्यंत्र की शुरुवात क्षेत्र की कार्यशेलि पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता हे।आश्चर्य की बात तो यह हे कि आखिर क्षेत्र के भाजपा नेताओ के खिलाफ यह राजनेतिक षड्यंत्र आखिर कौन कर रहा हे।जिस पर तत्काल विधानसभा क्षेत्र के नेताओ को संज्ञान लेना अतिआवश्यक हो गया हे।।

*सरपंच संघ भी हे मोन*
पीसांगन प स के राजनेतिक घटनाक्रम के बाद मांगलियावास ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधि हाल में लगाये गए ग्रामविकास अधिकारी और ldc का खुल विरोध कर रह हे।आश्चर्य की बात तो यह हे कि मांगलियावास ग्राम पंचायत का मामला सोशल मिडिया में तेजी से फ़ैल रहा हे परंतु अभी तक भी सरपंच संघ की ओर से कोई प्रतिक्रिया नही आई और न ही किसी भी सरपंच ने समर्थन मर खड़े होने की बात नही कही।।ऐसे में सवाल यह खड़ा होता हे कि जनप्रतिनिधियो के आपसी तालमेल हेतु एक संघठन बनाया गया था परंतु आज कोई भी जनप्रतिनिधि इसमें हस्तक्षेप नही कर रहा हे।ज्ञात रहे कि पीसांगन प स क्षेत्र के सरपंच संघ अपनी एकता की मिशाल के रूप में जाने जाते हे।परंतु अभी तक भी किसी भी सरपंच नेताओ की ओर से हस्तक्षेप नही किया गया हे।।

*कही राजस्थान की यशस्वी CM और विधानसभा क्षेत्र के भावी भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ कोई राजनेतिक षड्यंत्र तो नही*
यह कहना भी लाजवि हे क्यू कि एक ओर समाज विशेष के लोगो द्वारा समाज के नेताओ के विरुद्ध हुए राजनेतिक षड्यंत्र के बाद भारी विरोध भी हे परंतु अभी तक जनता के अनुरूप अभी तक संज्ञान नही लिया गया।और फिर एक ओर घटना क्षेत्र में आने वाले समय के लिए मिशन 2018 की राह में रोड़े उत्पन्न करने के समान माना जा रहा हे।क्यू कि सभी जानते हे कि ग्राम पंचायत में कर्मचारी और जन प्रतिनिधि में समन्वय होना आवशयक हे।अगर समन्वय नही होगा तो इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा और जनता की होने वाली समस्या के बाद विधानसभा चुनाव में नेताओ को भुगतना पड़ सकता हे।इस प्रकार की घटनाये भाजपा सरकार के खिलाफ राजनेतिक षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही हे।आश्चर्य की बात तो यह हे कि इस प्रकार की घटनाये लोकसभा उपचुनाव से कुछ दिनों पूर्व से ही शुरू हुई हे जिसके कारण जनता के आक्रोश के कारण ही भाजपा को लोकसभा उपचुनाव में अपनी सीट गवानी पड़ी थी।शायद ऐसा प्रतीत होता हे कि इस बार भाजपा का शीर्ष प्रदेश नेतृत्व और भाजपा नेताओ की ओर से विधानसभा चुनाव से पूर्व संज्ञान लेना होगा।।तभी भाजपा की यशस्वी CM का मिशन 2018 का सपना पूरा हो सकेगा।।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कम इस समस्या का समाधान होगा।

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