अनिता भदेल आाखिर में अपना पत्ता खोलेंगी?

हालांकि जिस दिन अजमेर नगर निगम के मेयर की लॉटरी अनुसूचित जाति की महिला के नाम पर निकली, अजमेर दक्षिण से मौजूदा विधायक व पूर्व राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने उसी दिन साफ कर दिया था कि वे मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेंगी, पार्टी कहेगी तो भी नहीं, मगर कानाफूसी है कि वे आखिरी समय में दावा ठोकेंगी।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि श्रीमती भदेल ने एक रणनीति के तहत मेयर पद की दावेदारी से अपने आप को अलग रखा है। अगर वे जरा सी भी रुचि दिखातीं तो उनके विरोधी अभी से कार सेवा में जुट जाते। वैसे भी अभी बहुत टाइम पड़ा है। जानकारों का मानना है कि श्रीमती भदेल के लिए विपक्ष के एक विधायक के तौर पर चार साल टाइम खराब करने की बजाय आगामी पांच साल के लिए मेयर बनना ज्यादा उपयोगी है। अभी वे सिर्फ एक विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती हैं, मेयर बनने पर दो विधानसभा क्षेत्रों से भी अधिक इलाके की प्रतिनिधि हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी के तहत अभी करोड़ों रुपए के काम होने हैं। हालांकि यह तय है कि जब मेयर का चुनाव होगा, तब तक जिला प्रमुख वंदना नोगिया पद मुक्त हो जाएंगी, इस कारण दमदार तरीके से दावेदारी करेंगी, मगर उनसे अधिक दमदार दावेदारी श्रीमती भदेल की रहेगी। वंदना को मौका तो मिला, मगर उन्होंने उसका फायदा उठा कर जाजम नहीं बिछाई। रहा सवाल श्रीमती भदेल का तो अब ये उन पर निर्भर है कि वे किसी वार्ड से चुनाव लड़ कर मेयर पद की दावेदारी में आएंगी, या फिर सीधे मेयर पद की दावेदारी करेंगी। ज्ञातव्य है कि भले ही सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया हो कि मेयर का चुनाव पार्षदों में से ही होगा, मगर सीधे मेयर पद का चुनाव लडऩे की अधिसूचना अब भी वजूद में है। श्रीमती भदेल अभी भले ही अपने स्टैंड पर कायम हों, मगर राजनीति समझने वाले मानते हैं कि वे आखिरी समय में मैदान में आ डटेंगी।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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