क्या हैं लाला बन्ना की यकायक सक्रियता के मायने?

s s shekhawat 4अजमेर उत्तर विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत यकायक सक्रिय हो गए हैं। हालांकि वे सक्रिय तो पहले भी थे, मगर उनकी तैयारी अंडरग्राउंड चल रही थी, मगर अब सार्वजनिक रूप से शक्ति प्रदर्शन करने लगे हैं। फेसबुक पर भी आए दिन छाये रहते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर वे अचानक सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति अलग से दिखाने की जुगत में कैसे जुट गए हैं?
इस सवाल के दो ही जवाब हो सकते हैं। या तो उनको अंदर ही अदंर टिकट की हरी झंडी मिल गई है, इस कारण भागदौड़ कर जनता में अपनी पकड़ बना रहे हैं या फिर टिकट पक्की करने के लिए अतिरिक्त ताकत झोंक रहे हैं। सच क्या है, ये तो वे ही जानें, मगर उनकी सक्रियता रेखांकित करने लायक जरूर है। वैसे कानाफूसी ये है कि वसुंधरा की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ताजपोशी से उनका पाया मजबूत हुआ है। ये और भी मजबूत होता, अगर ओमप्रकाश माथुर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाता। चूंकि माथुर अब इंपोर्टेंट रोल में नहीं हैं, इस कारण उन्हें अकेले वसुंधरा के दम पर ही खेल खेलना होगा। सक्रिय हो कर टिकट के प्रति अपनी दावेदारी की गंभीरता भी तो जतानी है। सवाल सिर्फ ये है कि क्या संघ उनके नाम पर सहमति देने को राजी होगा?

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