नरेन शहाणी भगत के यूआईटी चेयरमैन बनने से खफा कुछ नेता उनके हर काम पर पूरी नजर रखे हुए हैं। वे हर कमी को फिलहाल नोट कर रहे हैं। मकसद ये है कि जब वे विधानसभा चुनाव का टिकट लेने की तैयारी करें तो उस वक्त उन कमियों को उजागर किया जाए, ताकि उन्हें टिकट लेने में जोर आए। मजे की बात यह है कि वे सब कांग्रेसी हैं। अर्थात भगत को किसी संभावित षडयंत्र के मामले में फंसाने के लिए भाजपा से कहीं ज्यादा खतरा खुद की ही पार्टी के ही लोगों से खतरा है। वे कितने सचेत हैं, ये तो वे ही जानें।