आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को आंधी के आम चाहिए। वे समझ रहे हैं कि उनकी पार्टी की अभी उतनी पकड़ नहीं है कि लोग उसका टिकट हासिल करने के लिए लालायित हों, सो हर वक्त इस तलाश में रहते हैं कि कोई ढंग की शख्सियत अन्य दलों से नाराज हो, और उसे वे अपनी पार्टी में शामिल कर लें। अपनी इस मानसिकता परिचय हाल ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की निलंबित आईएएस दुर्गा शक्ति को चुनाव लडऩे का सुझाव दे कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि दुर्गा इस्तीफा देकर चुनाव में उतरें। वे मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ें।
भला उन्हें कौन समझाए कि सारे ईमानदार अफसर उनके जैसे थोड़े ही हैं, जो नौकरी छोड़ कर राजनीति में चले आएंगे। दुर्गा शक्ति ने आईएएस इसीलिए थोड़े ही क्लीयर किया था कि थोड़ी सी परेशानी में ही नौकरी छोड़ कर राजनीति के दलदल में चली जाएंगी। मगर केजरीवाल जैसे तो घात लगा कर ही बैठे हैं कि वे ऐसे नाराज अफसरों को अपनी पार्टी में शामिल करें। भला जिस आईएएस दुर्गा को पूरे मीडिया ने वाकई दुर्गा का अवतार बना दिया हो, उसे अपनी पार्टी में शामिल करने का सपना देखना केजरीवाल कैसे छोड़ सकते हैं। मजे की बात ये है कि केजरीवाल उन्हें टिकट देने की भी पेशकश कर रहे हैं। अगर दुर्गा सच में चुनाव लड़ भी लीं तो कौन से आप पार्टी के कारण जीतेंगी, जीतेंगी तो इसी कारण ना कि उन्हें मीडिया ने हीरो बना दिया है।