नेताजी अपने ही बेटे की राह में कांटा बने हुए हैं

Mulayam-Singh-Yadavकल रात NDTV के प्राइम टाइम में मुजफ्फर नगर पर चर्चा हुई। रवीश कुमार ने इस कार्यक्रम में मुझे भी बुलाया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर मंडल में मैने काफी पत्रकारिता की है। जब जनसत्ता में था तब यूपी, बिहार, एमपी व राजस्थान का प्रभारी रहते हुए और जब अमर उजाला के मेरठ संस्करण का संपादक रहा तब भी। इस इलाके को यूपी की लखनऊ में बैठी सरकारें शुरू से ही इस्तेमाल करती आई हैं। यहां की समस्या को गंभीरता से कभी लिया नहीं गया। यह एक ऐसा इलाका है जहां अगर पोलेटिकल पार्टियां आम लोगों के बीच सांप्रदायिकता का जहर न घोलें तो शायद दोनों मजहब के लोगों को अलग-अलग करना मुश्किल हो जाएगा। एक जैसे सरनेम और एक जैसी रवायतें तथा एक जैसा पहरावा।

दोनों मजहब के लोग अपने नाम के आगे त्यागी, तोमर, मलिक, राणा, चौहान, गौड़, कसाना तथा भड़ाना लिखते हैं। एक दूसरे के यहां शादी-विवाह, मुंडन-कनछेदन में शरीक होते हैं। दरअसल यहां अभी आर्य समाज के आने के पहले तक एक भाई हिंदू और दूसरा मुस्लिम होता था। कोई अलगाव नहीं और कोई दुराव-छिपाव नहीं। पर अब वहां अचानक एक लड़की को छेड़े जाने को लेकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ दिया गया। यह किसी को नहीं पता कि 27 अगस्त को कबाल में जिन दो लड़कों में झगड़ा हुआ वह हुआ किस बात पर था। कोई बहन उन लोगों के यहां है भी या नहीं। ऊपर से फेसबुक, ट्विटर और फर्जी वीडियो ने आग लगा दी। सरकार इस पर अंकुश लगाने के बजाय संप्रदायों के तुष्टीकरण में लग गई तो क्या होना था?

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यकीनन क्लीन छवि वाले और इस तरह की सांप्रदायिकता से दूर साफ सुथरे इंसान हैं लेकिन उनके पिता और चाचागण राजनीति से खेलने वाले राजनीतिक। पता नहीं क्यों नेताजी अपने ही बेटे की राह में कांटा बने हुए हैं। बसपा से अपनी खुन्नस निकालने के लिए वे भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचा रहे हैं। पर इस चक्कर में वे अपना क्रीमी लेयर वाला ओबीसी और मुस्लिम वोट बैंक खोते जा रहे हैं। साथ ही बेटे का राजनीतिक भविष्य भी। धन्य हो नेताजी! आपन तेज संभारौ आपै!

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ला के फेसबुक वॉल से http://bhadas4media.com

1 thought on “नेताजी अपने ही बेटे की राह में कांटा बने हुए हैं”

  1. Mujjafarnagar me dange ho rahe hain aur shambhunath shukla ji rajniti karne lage! ab in dangon me arya samaj kahan se aa gaya???? vaise bhi arya samaj to vishva ko shanti ka path pdhata hai, ekta ka prahari hai. Jab tak sansar me arya raj raha tab tak samanya jan nhi maare jate the, apitu dushton ko shanti ka path pdhaya jata tha. vaise bhi shabhunath shukla swayam bhi likhte hain ki “ek bhai muslim hai to dusra Hindu” ye kaise hua???? unke gotra bhi ek hi hain “malik, chauhan, rana, bdhana etc….” ye ek bhai ko muslim kisne bnaya????? kaise bnaya???? ye pariwar ko kyon banta gya??? kya in sab ko ek karne ka prayas nhi hona chahiye???? jab desh aazad ho gya hai to kya jo gulami kaal me vidharmi bna liye gye the unki ghar vapasi ka prayas nhi hona chahiye???? aur Bahan par Rajniti thik nhi???? itna avishwas!!! vo bhi varishtha patrakar ke dwara!!! hairani ki baat hai???? ye vicharniya bhi hai ki kahin dangon ka karan shambhunath jaise log to nhi.

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