बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज हो सकती है एफआइआर

नई दिल्ली। अपने आंदोलन की सफलता का जश्न मना रहे बाबा रामदेव आने वाले दिनों में बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। दिल्ली पुलिस बाबा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है। इस बारे में पुलिस सरकारी वकीलों से सलाह-मशविरा कर रही है और माना जा रहा है कि एक-दो दिनों में इस संबंध में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रामदेव ने आंदोलन के लिए इजाजत लेने से पहले पुलिस को लिखित तौर कुछ आश्वासन दिए थे, उन्होंने उसका पालन नहीं किया। उनका सोमवार को सड़कों पर उतरकर किया गया आदोलन अवैध था। इस बात की पुष्टि सेंट्रल रेंज के ज्वॉइंट कमिश्नर ताज हसन ने भी की है। पुलिस का कहना है कि रामदेव रामलीला मैदान में 9 अगस्त से अनशन पर बैठे थे। उन्हें वहां 30 अगस्त तक की इजाजत दी गई थी। पहले उन्होंने तीन दिन के अनशन की बात कही थी , फिर इस समयसीमा को बढ़ाते गए। पुलिस ने बताया कि अनशन पर बैठने से पहले उन्होंने पुलिस को अंडरटेकिंग दी थी। उसमें रामलीला मैदान में 30 हजार तक समर्थक होने की बात थी। वहा खाना हायजनिक होगा, साफ – सफाई रखनी होगी और कानून – व्यवस्था बिगड़ने वाले कोई भाषण आदि नहीं दिए जाएंगे।

अंडरटेकिंग लेते वक्त पुलिस ने उनसे कहा था कि कानून – व्यवस्था से संबंधित पुलिस उन्हें जो कहेगी , वह उन्हें करना होगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह उन्होंने पुलिस के पास संसद तक मार्च करने की अनुमति मागी। पुलिस ने अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके बावजूद बाबा रामदेव रामलीला मैदान से बाहर निकले और बस के ऊपर चढ़कर रामलीला मैदान से दिल्ली गेट तक के सारे रोड को ब्लॉक किया। इससे आम लोगों को हुई परेशानी के अलावा अस्पताल में आने – जाने वाले मरीजों सहित कई एंबुलेंस का रास्ता भी रुका। दिल्ली के कई इलाकों में जाम के रूप में इसका असर देखा गया। पुलिस ने बताया कि बाबा को रामलीला मैदान में ही रहना चाहिए था। इससे बाहर निकलकर आदोलन करना अवैध माना जाएगा। इस वजह से उनके खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार किया जा रहा है।

पुलिस अधिकारी का यह भी कहना है कि सोमवार को पुलिस ने पूरे संयम से काम लिया। रामदेव के बस की छत पर चढ़ जाने और उनके समर्थकों के सड़क पर लेटकर रास्ता रोकने के बावजूद पुलिस शाति से काम लेती रही। अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि रामदेव को 15 अगस्त से पहले दिल्ली से बाहर करना था। उन्होंने बताया कि अगर बाबा रामदेव रामलीला मैदान के अंदर ही अपना आदोलन चलाते रहते तो कोई समस्या नहीं होती।

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