नारायण साईं दो माह आखिर पकडे गए

narayanपिछले दो महीने से पुलिस को चरका दे फरार चल रहे बलात्कार के आरोपी नारायण साईं को दिल्ली और सूरत पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में दिल्ली हरियाणा बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया. जिस समय नारायण साईं को गिरफ्तार किया गया वह सिख की वेशभूषा में था. नारायण के साथ उसके सहयोगी हनुमान और एक सेविका समेत दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस को जब नारायण की लोकेशन के बारे में पक्की सूचना मिली तो करीब 60 पुलिसकर्मियों की जॉइंट टीम ने छापा मारा. रेड के दौरान नारायण साईं ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने इस संभावना को देखते हुए पहले से पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी थी. मंगलवार की रात गिरफ्तार करने के बाद इसे दिल्ली ले आया गया है और दिल्ली क्राइम ब्रांच के ऑफिस में उससे पूछताछ की जा रही है.

नेहा दीवान संरक्षण दे रही थी नारायण साईं को
कुरुक्षेत्र के पीपली में गिरफ्तार पांच लाख के इनामी नारायण साईं का कनेक्शन मेरठ से भी जुड़ गया है. जिस फोर्ड इको स्पो‌र्ट्स गाड़ी से नारायण साई और उसके साथियों को दबोचा गया है वह मेरठ में पंजीकृत है और उस गाड़ी की मालकिन उद्योगपति दीवान घराने की बहू नेहा दीवान पत्नी अजय दीवान है.

नेहा मेरठ के 70 ‘ए’ साकेत में परिवार के साथ रहती हैं. इस गाड़ी (यूपी 15 बीएच 0033) का पंजीकरण इसी वर्ष 17 अक्टूबर को किया गया है. नेहा के पति अजय दीवान उद्योगपति हैं और दीवान रबर इंडस्ट्री समेत कई अन्य व्यवसायों से जुड़े हैं. नारायण साई की गिरफ्तारी के बाद दीवान परिवार घर से गायब हो गया. कोठी पर मीडिया व स्थानीय लोगों का जमावड़ा होने पर जमकर हंगामा हुआ. चर्चा तो यहां तक है कि फरारी के दौरान नारायण साई अपनी मित्र मंडली के साथ मेरठ में दीवान परिवार के साथ रहा था और उसकी उनके घर पर खूब आवभगत हुई थी. हालांकि यहां की पुलिस कुंभकर्णी नींद सोती रही और उसे भनक तक नहीं लगी.

दीवान परिवार की गाड़ी आसाराम के बेटे नारायण साई के पास कैसे पहुंची? इसके बारे में अभी परिवार का कोई व्यक्ति मुंह नहीं खोल रहा है. बताया जाता है कि दीवान परिवार आसाराम बापू व नारायण साई का भक्त है. मेरठ में जब कभी आसाराम का कार्यक्रम होता था तब यही परिवार उसके आयोजन का जिम्मा संभालता था. परिवार के ही किसी सदस्य के माध्यम से यह गाड़ी नारायण साई तक पहुंचाई गई है. चर्चा यह भी है कि दीवान परिवार ने यह गाड़ी नारायण साई को गिफ्ट में दी है. नारायण साईं की गिरफ्तारी होते ही अजय दीवान, उनकी पत्नी नेहा व परिवार के अन्य लोग साकेत कालोनी स्थिति कोठी से गायब हो गए हैं और मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए हैं. अजय के भाई सचिन दीवान जरूर कोठी पर मिले लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार करते हुए मीडिया व स्थानीय लोगों पर ही रोब झाड़ने की कोशिश की.

आसान नहीं रहा नारायण साईं को पकड़ना-दिल्ली पुलिस के लिए रेप के आरोपी नारायण साई को पकड़ना कतई आसान नहीं रहा. दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर संवाददाताओं को बताया कि वह अक्टूबर से नारायण सार्ई के पीछे लगी हुई थी और उसे लगभग दो महीने बाद जाकर सफलता मिली. नारायण साई को पकड़वाने में उसका ड्राइवर रमेश पुलिस के सबसे अहम कड़ी साबित हुआ. नारायण के साथ पकड़े गए चार लोगों में से उसका एक साथी नाबालिग बताया जा रहा है.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के पुलिस कमिश्नर बीपी सिंह ने बताया कि सूरत पुलिस ने उनसे अक्टूबर में नारायण साई को पकड़ने के लिए मदद मांगी थी. सूरत पुलिस के साथ लंबी बातचीत के पास दिल्ली पुलिस ने कई जगह दबिश दी, लेकिन नारायण उसके हाथ नहीं आया. सिंह ने बताया कि उसके तीन साथी को ही गिरफ्तार किया गया है. हमें जो भी सूचनाएं मिली हैं, उसे वैरिफाई किया जाएगा.

बीपी सिंह ने बताया कि पुलिस की टीम ने अंबाला में गाड़ी को बहुत तेज स्पीड से जाते हुए देखा. हमें गाड़ी को कुरुक्षेत्र के पास पीपली में पकड़ा. नारायण साई और साथियों की पहचान होने के बाद बाकी टीमें वहां पहुंची और उन्हें यहां लेकर आई. पहले दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि नारायण साई पंजाब में छिपा है. फिर हरियाणा में छिपे होने की जानकारी मिली. लेकिन नारायण वहां से भाग गया.

साई के ड्राइवर रमेश के जरिए उसका पता चला, जो दूसरे ड्राइवर विष्णु के संपर्क में था. दिल्ली पुलिस ने नारायण साई का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद उसे दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में पेश कर दिया है. माना जा रहा है कि कोर्ट साई की ट्रांजिट रिमांड देकर उसे सूरत पुलिस के हवाले कर देगा. सूरत पुलिस की टीम उसे लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी है. http://mediadarbar.com

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